वाराणसी: 11वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर काशी में उमड़ा जनसैलाब, गंगा घाटों पर दिखा अद्भुत नजारा

11वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर वाराणसी के घाटों, मंदिरों और संस्थानों में भव्य योगाभ्यास का आयोजन किया गया, जिसमें हजारों लोगों ने 'योग फॉर वन अर्थ, वन हेल्थ' का संदेश फैलाया।

Sat, 21 Jun 2025 13:46:34 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA

वाराणसी: पवित्र नगरी काशी ने एक बार फिर योग की वैश्विक चेतना को अपनी सांस्कृतिक ऊर्जा से भर दिया। 11वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर शहर के प्रमुख घाटों, मंदिरों, विश्वविद्यालय परिसरों, कारागारों और सरकारी संस्थानों में भव्य और अनुशासित ढंग से योगाभ्यास का आयोजन किया गया। गंगा के किनारे से लेकर नगर निगम भवन तक, काशी में योग का अद्भुत और व्यापक दृश्य उपस्थित हुआ, जिसने न केवल भारत की आध्यात्मिक परंपरा को सम्मानित किया, बल्कि ‘योग फॉर वन अर्थ, वन हेल्थ’ के संदेश को जन-जन तक पहुंचाया।

सुबह की पहली किरण के साथ अस्सी घाट, नमो घाट और काशी के अन्य प्रसिद्ध घाटों पर हजारों लोगों ने सामूहिक योगाभ्यास में भाग लिया। केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने अस्सी घाट पर योग करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विशेष संदेश को सभी प्रतिभागियों के साथ सुना। योग सत्र में बड़ी संख्या में महिलाओं ने भाग लिया, जिन्होंने पारंपरिक भारतीय वस्त्रों में गरिमामय उपस्थिति दर्ज कराई। इस अवसर पर जिलाधिकारी, मुख्य विकास अधिकारी हिमांशु नागपाल सहित कई प्रशासनिक अधिकारी भी योगासन करते दिखे।

काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर में भी दिव्यता के वातावरण में योग का आयोजन हुआ, जहां आदियोगी श्री विश्वेश्वर की छाया में सैकड़ों श्रद्धालुओं और योग प्रेमियों ने पारंपरिक योगासनों का अभ्यास किया। इस मौके पर उत्तर प्रदेश सरकार के वरिष्ठ मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने कहा, “महर्षि पतंजलि के योग सूत्रों को प्रधानमंत्री मोदी ने विश्वमंच तक पहुंचाया। आज दुनिया के 192 देश योग को स्वीकार कर चुके हैं, यह भारत की सांस्कृतिक शक्ति की विजय है।”

बीएचयू में विद्यार्थियों, डॉक्टरों और शिक्षकों ने भी भारत अध्ययन केंद्र भवन परिसर में एकत्र होकर सामूहिक योग किया। इग्नू केंद्र के अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने भी विशेष रूप से इस दिन योग अभ्यास कर स्वस्थ जीवन की दिशा में प्रतिबद्धता जताई।

योग दिवस पर वाराणसी के शिवपुर स्थित केंद्रीय कारागार में भी एक विशेष योग सत्र का आयोजन हुआ, जिसमें धन्वंतरि कर्मयोग ट्रस्ट के सहयोग से 1200 से अधिक बंदियों और कारागार कर्मचारियों ने योग किया। योगाचार्यों द्वारा उन्हें सूर्य नमस्कार, अनुलोम-विलोम, कपालभाति, भ्रामरी, ताड़ासन, मत्स्यासन, श्वानासन जैसे विविध आसनों का प्रशिक्षण विधिवत रूप से दिया गया। इस अवसर पर वरिष्ठ जेल अधीक्षक राधाकृष्ण मिश्र सहित तमाम वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

इसी क्रम में नगर निगम वाराणसी में भी एक विशेष आयोजन किया गया, जिसमें महापौर अशोक तिवारी की अगुवाई में अधिकारियों, कर्मचारियों और स्थानीय नागरिकों ने भाग लिया। नगर निगम भवन परिसर में आयोजित इस योग सत्र में प्रतिभागियों ने आत्मिक एकाग्रता और स्वास्थ्य के लिए योगासन किए। महापौर तिवारी ने इस अवसर पर कहा, “योग केवल शारीरिक व्यायाम नहीं, बल्कि मानसिक और आत्मिक शुद्धि का माध्यम है। प्रधानमंत्री ने योग को वैश्विक पहचान दिलाई, और हम वाराणसी में इस परंपरा को जन-जन तक पहुंचाने का कार्य कर रहे हैं।” उन्होंने यह भी घोषणा की कि आने वाले समय में नगर निगम द्वारा वार्ड स्तर पर भी योग जागरूकता अभियान और प्रशिक्षण शिविर आयोजित किए जाएंगे, जिससे आम जनता योग के लाभों से जुड़ सके।

कैंट विधायक सौरभ श्रीवास्तव के नेतृत्व में सैकड़ों लोगों ने योग किया, और विधायक ने बताया कि योग हमारे जीवन का आध्यात्मिक आधार है जो तन, मन और आत्मा को संतुलन प्रदान करता है। उन्होंने सभी नागरिकों से अपील की कि वे योग को अपने रोजमर्रा के जीवन में शामिल कर स्वास्थ्य और संयम की दिशा में आगे बढ़ें।

हमारे रामनगर संवाददाता के अनुसार विश्व हिंदू महासंघ के मंडल प्रभारी तपेश्वर चौधरी के नेतृत्व में दर्जनों लोगों ने चौधरी कटरे में योग दिवस मनाया। तो वहीं इस ऐतिहासिक दिन पर भाजपा नेता सृजन श्रीवास्तव, संतोष द्विवेदी, पार्षद लल्लन सोनकर,रितेश पाल, सुनील श्रीवास्तव, हरिकेश सिंह, सुनील सिंह, धीरेन्द्र सिंह, पंकज बारी और वरिष्ठ नेता अजय प्रताप सिंह सहित कई जनप्रतिनिधियों ने विभिन्न स्थलों पर योगाभ्यास कर लोगों को स्वस्थ जीवन के लिए प्रेरित किया। सभी ने एकमत से यह कहा कि योग भारतीय जीवनशैली का मूल है और इसे दैनिक जीवन का हिस्सा बनाकर हम संपूर्ण समाज को स्वस्थ एवं संतुलित बना सकते हैं।

काशी ने इस योग दिवस पर एक बार फिर यह प्रमाणित किया कि यह नगरी न केवल आध्यात्मिकता और धर्म की धरती है, बल्कि भारतीय संस्कृति, परंपरा और स्वास्थ्य चेतना का भी जीवंत केंद्र है। घाटों से लेकर कार्यालयों तक योग के माध्यम से जो एकता, अनुशासन और ऊर्जा दिखाई दी, वह आने वाले वर्षों में काशी को वैश्विक योग राजधानी बनाने की दिशा में एक सशक्त कदम है।

वाराणसी: रामनगर/पंकज बारी के नेतृत्व में सुनी गई मन की बात, एक पेड़ मां के नाम

वाराणसी: पुलिस विभाग में बड़ी उलटफेर, दो एसीपी सहित 2 थानाध्यक्षों का बदला कार्यक्षेत्र

IPL खिलाड़ी यश दयाल पर यौन शोषण का आरोप, युवती ने दर्ज कराई FIR

प्रधानमंत्री मोदी ने अंतरिक्ष में ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला से किया संवाद, दिए 3 टास्क

वाराणसी: नकली सोना बेचने वाला चंद्रा ज्वेलर्स का मालिक प्रशांत सिंह गहरवार माफिया घोषित, 11 मुकदमों में नामजद