Wed, 05 Nov 2025 22:18:02 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA
वाराणसी: बुधवार का दिन काशी के लालपुर-पांडेयपुर थाना क्षेत्र के बावनबीघा इलाके में एक ऐसी दर्दनाक घटना का गवाह बना, जिसने न सिर्फ एक परिवार को तोड़कर रख दिया, बल्कि पूरे समाज के मन में सवाल खड़े कर दिए। दिनदहाड़े, घर के बाहर खेल रही मात्र पांच वर्षीय एक मासूम बच्ची को एक युवक ने बहला-फुसलाकर उठा लिया और एक सुनसान जगह ले जाकर उसके साथ जानलेवा दरिंदगी की। यह घटना सिर्फ एक अपराध नहीं, बल्कि मानवता के लिए एक काला धब्बा है, जिसने शहर की आत्मा को झकझोर दिया है।
लेकिन इस अंधेरे में, वाराणसी पुलिस एक ऐसी किरण बनकर उभरी, जिसने न केवल तत्परता और संवेदनशीलता का परिचय दिया, बल्कि यह साबित कर दिया कि ऐसे जघन्य अपराधियों के लिए उनके पास न तो कोई सहानुभूति है और न ही कोई ढिलाई। घटना की सूचना मिलते ही पूरा पुलिस महकमा स्तब्ध था, परंतु इस स्तब्धता ने क्षण भर में ही एक ठोस कार्ययोजना का रूप ले लिया। यह विडंबना ही थी कि जिस दिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जिले में मौजूद थे, उसी दिन यह घटना घटी। इसने पुलिस के लिए चुनौती को और बढ़ा दिया, लेकिन उन्होंने इसे व्यक्तिगत प्रतिष्ठा का मामला न बनाकर, संवेदनशीलता और कड़े कार्रवाई का एक नमूना पेश किया।
पुलिस ने तुरंत एक विशेष टीम गठित की, जिसने घटनास्थल का मुआयना किया, स्थानीय लोगों से बातचीत की और सीसीटीवी फुटेज का विश्लेषण शुरू किया। आरोपी की पहचान 'करन' के रूप में हुई, जो पहले भी चोरी के दो मामलों में जेल की सजा काट चुका था। उसके पिछले रिकॉर्ड ने इस बात की पुष्टि की कि पुलिस एक कुख्यात और खतरनाक आपराधिक मानसिकता के शिकार से निपट रही थी। जानकारी मिलते ही पुलिस ने आरोपी के संभावित ठिकानों और भागने के संभावित रास्तों को सील करने का काम शुरू कर दिया। एक बार फिर, वाराणसी पुलिस की नेटवर्किंग और खुफिया तंत्र ने कमाल दिखाया।
और फिर, रात तक, वह खबर आई जिसका पूरे इलाके को इंतजार था। एक सटीक और निर्णायक पुलिस कार्रवाई में, आरोपी करन के साथ मुठभेड़ हुई। जानकारी के मुताबिक, भागने का प्रयास करने पर पुलिस को आत्मरक्षा और उसे अवरुद्ध करने में गोली चलानी पड़ी, जिससे उसे पैर में गोली लगी। यह कार्रवाई न सिर्फ त्वरित थी, बल्कि इसने एक स्पष्ट संदेश दिया कि नन्हीं मासूमों के साथ दरिंदगी करने वालों के लिए इस समाज और कानून में कोई जगह नहीं है। आरोपी को हिरासत में ले लिया गया है और अब उसके खिलाफ कानून की पूरी प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ रही है।
इस पूरी त्रासदी में, पीड़ित बच्ची को तुरंत दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल, पांडेयपुर में भर्ती कराया गया है, जहाँ उसे चिकित्सकीय देखभाल और मनोवैज्ञानिक सहायता प्रदान की जा रही है। वाराणसी पुलिस की यह पूरी कार्रवाई, घटना के बाद की गति, पीड़ित के प्रति संवेदनशीलता, आरोपी की त्वरित पहचान, और अंततः उसे जिंदा हिरासत में लेने वाली निर्णायक मुठभेड़। एक अविस्मरणीय उदाहरण बन गई है। उन्होंने न केवल न्याय की मांग कर रहे एक पीड़ित परिवार, बल्कि पूरे समाज का विश्वास बहाल किया है। एक ऐसी घटना जो शहर के इतिहास में एक काले दिन के तौर पर दर्ज होगी, वहीं वाराणसी पुलिस की दक्षता और प्रतिबद्धता की एक चमकदार मिसाल भी बन गई है।