Thu, 13 Nov 2025 20:23:46 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA
वाराणसी: चोलापुर थाना क्षेत्र के ग्राम कटारी परगना कटेहर में आम रास्ता बंद करने का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है। विवाद से जुड़े पक्षों के बीच तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गई है। पीड़ित पक्ष ने इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री पोर्टल और जिलाधिकारी वाराणसी दोनों से शिकायत करते हुए निष्पक्ष जांच एवं कार्रवाई की मांग की है। प्रशासन ने प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए जांच प्रारंभ कर दी है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, पीड़ित आशीष मिश्रा पुत्र स्वर्गीय शिवपूजन मिश्रा ने जिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराई है। आशीष मिश्रा ने अपने प्रार्थना पत्र में बताया कि उनके पूर्वजों के समय से ही उनका मकान, रहन-सहन, घूर, गड्ढा आदि आबादी की भूमि पर स्थित हैं, जो राजस्व अभिलेख में आबादी 3.67 हे0 श्रेण-6 (2) के अंतर्गत दर्ज है। इसी भूमि को लेकर निकेतन मिश्रा और श्रीधर मिश्रा से विवाद उत्पन्न हुआ, जिसके बाद मामला न्यायालय में विचाराधीन है। पीड़ित ने बताया कि वाद संख्या 1889/25 हरिनारायण मिश्रा बनाम श्रीधर मिश्रा शीर्षक से सिविल जज (जूनियर डिवीजन) वाराणसी के न्यायालय में यह मुकदमा चल रहा है।
शिकायतकर्ता के अनुसार, विपक्षी पक्ष के निकेतन मिश्रा ने 24 अक्टूबर 2025 को उप-जिलाधिकारी (एसडीएम) सदर के यहां एक जनसुनवाई प्रार्थना पत्र दिया था। उसी प्रार्थना पत्र के आदेश के आधार पर 9 नवम्बर 2025 को हल्का लेखपाल जयप्रकाश सिंह, राजस्व निरीक्षक राजेश राम और हल्का थाना प्रभारी दयाशंकर यादव भारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। बताया गया कि प्रशासनिक टीम ने विवादित जमीन पर कब्जा कर वहां बाउंड्री वॉल और गेट लगवा दिया, जिससे पीड़ित के मकान का रास्ता पूरी तरह अवरुद्ध हो गया।
पीड़ित आशीष मिश्रा का आरोप है कि जब उन्होंने इस कार्रवाई का विरोध किया, तो मौके पर मौजूद अधिकारियों और विपक्षी पक्ष द्वारा उनके साथ अभद्रता की गई, गाली-गलौज की गई और फर्जी मुकदमे में फंसाने की धमकी भी दी गई। उनका कहना है कि विपक्षी पक्ष वर्तमान में भाजपा सरकार में वाराणसी जिले के एक पद पर आसीन है, जिसके प्रभाव में आकर स्थानीय प्रशासन ने यह कार्रवाई की।
मामले के तूल पकड़ने के बाद पीड़ित ने 10 नवम्बर 2025 को जिलाधिकारी वाराणसी को शिकायत पत्र सौंपा, वहीं 13 नवम्बर को मुख्यमंत्री पोर्टल पर भी शिकायत दर्ज की। इस पर जिलाधिकारी ने एसडीएम सदर को मामले की जांच कर आवश्यक कार्रवाई करने का आदेश जारी किया है। मुख्यमंत्री पोर्टल से भी राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग को इस प्रकरण में त्वरित जांच एवं कार्रवाई हेतु निर्देशित किया गया है।
वहीं दूसरी ओर, विपक्षी पक्ष ने सभी आरोपों को निराधार और बेबुनियाद बताया है। उनका कहना है कि जो भी कार्यवाही की गई, वह विधिक प्रक्रिया के अनुरूप हुई है और किसी प्रकार का अवैध कब्जा या दबाव नहीं बनाया गया।
अब यह मामला प्रशासनिक और कानूनी दोनों स्तरों पर संवेदनशील हो चुका है। ग्रामीणों में भी इस विवाद को लेकर चर्चा का माहौल बना हुआ है। सभी की निगाहें अब जिलाधिकारी द्वारा गठित जांच पर टिकी हैं, जिससे यह स्पष्ट हो सके कि आखिर सच कौन बोल रहा है, पीड़ित या विपक्षी पक्ष।