Thu, 06 Nov 2025 12:47:02 - By : Garima Mishra
वाराणसी: सिटी कमांड कंट्रोल सेंटर के कैमरे अब शहर की सड़कों पर यातायात अनुशासन कायम करने में बड़ी भूमिका निभा रहे हैं। पिछले एक साल में इन कैमरों की निगरानी में ट्रैफिक नियम तोड़ने वाले दो लाख वाहनों पर कार्रवाई की गई है। पुलिस का कहना है कि यह पहल शहर में बढ़ते ट्रैफिक दबाव को नियंत्रित करने और लोगों में यातायात नियमों के प्रति जागरूकता लाने के लिए की जा रही है।
इन चालानों में सबसे ज्यादा मामले तीन सवारी चलाने, गलत पार्किंग करने और बिना हेलमेट के वाहन चलाने के रहे। वहीं जेब्रा लाइन पार करने और सिग्नल जंप करने जैसे गंभीर उल्लंघनों पर कार्रवाई लगभग शून्य रही है, जबकि शहर के कई प्रमुख चौराहों पर इन नियमों का खुलेआम उल्लंघन होता है। स्थानीय लोगों का कहना है कि कई बार ये सब ट्रैफिक पुलिस की मौजूदगी में भी होता है, लेकिन मौके पर सख्त कार्रवाई नहीं की जाती।
सिटी कमांड कंट्रोल सेंटर की रिपोर्ट के अनुसार, रथयात्रा, सिगरा और मलदहिया चौराहे पर सर्वाधिक चालान काटे गए हैं। ये चौराहे शहर के सबसे व्यस्त और संवेदनशील मार्गों में गिने जाते हैं, जहां कैमरों की सीधी निगरानी होती है। वहीं तेलियाबाग और आकाशवाणी तिराहा जैसे स्थानों पर घुमाव या मोड़ के कारण कैमरों को नंबर प्लेट कैप्चर करने में दिक्कत आती है, जिससे वहां कार्रवाई सीमित रहती है।
मलदहिया और सिगरा चौराहे पर ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन का स्तर चिंताजनक है। एक मिनट में औसतन पांच से दस वाहन रेड सिग्नल पार करते हुए नजर आते हैं। रात दस बजे के बाद तो शहर में नियमों की धज्जियां उड़ जाती हैं। कई वाहन चालक सिग्नल को नजरअंदाज कर सीधे रास्ता काटते हुए निकल जाते हैं। वहीं जेब्रा लाइन, जो पैदल यात्रियों के लिए सुरक्षित रास्ता होती है, वहां भी वाहन चालकों का कब्जा रहता है। कई स्थानों पर तो जेब्रा लाइनें मिट चुकी हैं, जिससे पैदल यात्रियों को ट्रैफिक के बीच से होकर सड़क पार करनी पड़ती है।
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि आने वाले समय में तकनीकी प्रणाली को और मजबूत किया जाएगा ताकि हर उल्लंघन कैमरे में रिकॉर्ड हो सके। इसके साथ ही शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर सिग्नल और जेब्रा लाइन को दोबारा पेंट करने की योजना बनाई जा रही है। यातायात विभाग ने नागरिकों से अपील की है कि वे ट्रैफिक नियमों का पालन करें, क्योंकि एक छोटी सी लापरवाही न केवल जुर्माने का कारण बन सकती है बल्कि जानमाल की हानि का जोखिम भी बढ़ा देती है।