Mon, 10 Nov 2025 11:19:03 - By : Palak Yadav
वाराणसी के प्रसिद्ध दशाश्वमेध घाट पर रविवार की शाम आयोजित गंगा आरती के दौरान एक बड़ा हादसा होने से टल गया। मुंबई के वसई क्षेत्र से आए दंपती चंद्रकांत और उनकी पत्नी अर्चना आरती के बाद घाट से नाव के जरिए लौट रहे थे, तभी अचानक पैर फिसलने से दोनों गंगा नदी में गिर पड़े। घटना के बाद घाट पर मौजूद श्रद्धालुओं और नाविकों में अफरा-तफरी मच गई। गंगा का प्रवाह तेज होने के कारण दोनों कुछ ही पलों में बहने लगे, लेकिन मौके पर मौजूद एनडीआरएफ की तैनात टीम ने तुरंत रेस्क्यू अभियान चलाकर उन्हें सुरक्षित बाहर निकाल लिया।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, यह हादसा तब हुआ जब चंद्रकांत और अर्चना एक नाव से दूसरी नाव पर चढ़ने की कोशिश कर रहे थे। आरती देखने के बाद भीड़ अधिक थी और घाट के किनारे लगी कई नावें आपस में जुड़ी हुई थीं। अचानक संतुलन बिगड़ने से दोनों नदी में गिर गए। कुछ क्षणों तक उनकी आवाज सुनकर आसपास के लोग घबरा गए और किसी को समझ नहीं आया कि क्या करें। एनडीआरएफ की ड्यूटी पर मौजूद टीम ने स्थिति को भांपते हुए तुरंत लाइफ जैकेट और रस्सी फेंकी, ताकि दोनों तक जल्दी पहुंचा जा सके।
इस दौरान घाट पर मौजूद कई नाविकों ने भी साहस दिखाते हुए अपनी नावों के सहारे नदी के बीच जाकर मदद की। लगभग पांच मिनट की कड़ी मशक्कत के बाद दोनों को गंगा से सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। बाहर निकालते ही मेडिकल टीम ने मौके पर ही उनका प्राथमिक उपचार किया। बताया गया कि दंपती को किसी तरह की गंभीर चोट नहीं आई और उनकी स्थिति पूरी तरह सामान्य है।
एनडीआरएफ अधिकारियों ने बताया कि तैनात पिकेट टीम की तत्परता और सतर्कता के कारण एक बड़ा हादसा टल गया। उन्होंने कहा कि गंगा आरती के समय घाट पर भीड़ बहुत अधिक रहती है, ऐसे में यात्रियों को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। नाव पर चढ़ते और उतरते समय जल्दबाजी न करें और लाइफ जैकेट अवश्य पहनें।
स्थानीय प्रशासन ने भी घटना के बाद सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की है। अधिकारियों ने बताया कि आरती के दौरान घाटों पर भीड़ नियंत्रण और नावों की आवाजाही को व्यवस्थित करने के लिए नए दिशानिर्देश तैयार किए जा रहे हैं। सुरक्षा कर्मियों की संख्या बढ़ाई जाएगी ताकि इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
वाराणसी के दशाश्वमेध घाट पर हर शाम आयोजित गंगा आरती में देश और विदेश से हजारों श्रद्धालु आते हैं। यह दृश्य आध्यात्मिकता, आस्था और भारतीय संस्कृति का प्रतीक माना जाता है। लेकिन बढ़ती भीड़ और अनियंत्रित आवाजाही के कारण कई बार ऐसे हादसे हो जाते हैं जो गंभीर रूप ले सकते हैं। रविवार की घटना ने एक बार फिर यह चेताया कि सुरक्षा में चूक का एक पल कितनी बड़ी अनहोनी में बदल सकता है।
एनडीआरएफ टीम ने अपने बयान में कहा कि गंगा आरती के दौरान प्रतिदिन वहां तैनात कर्मी सतर्क रहते हैं और लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करना उनकी पहली प्राथमिकता है। इस घटना में दोनों यात्रियों को बचा लिया गया, लेकिन यह सभी के लिए एक सीख है कि पवित्र गंगा के तट पर श्रद्धा के साथ-साथ सतर्कता भी उतनी ही जरूरी है।