ज्ञानवापी वजूखाने की सील और कपड़ा बदलेगा, 29 अक्टूबर को होगी अगली सुनवाई

वाराणसी जिला न्यायालय ने ज्ञानवापी परिसर के वजूखाने को ढकने और सील के फटे कपड़े को बदलने की अनुमति दी, सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के अनुरूप होगी प्रक्रिया।

Sat, 25 Oct 2025 10:54:00 - By : Yash Agrawal

वाराणसी: ज्ञानवापी परिसर के वजूखाने से जुड़ा मामला एक बार फिर सुर्खियों में है, शुक्रवार को जिला न्यायालय में इस मामले की महत्वपूर्ण सुनवाई हुई, जिसमें अदालत ने वजूखाने को ढकने और ताले पर लगी सील के फटे कपड़े को बदलने की अनुमति दे दी। जिला जज संजीव शुक्ला ने कहा कि यह पूरी प्रक्रिया सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के अनुरूप ही की जाएगी, ताकि किसी भी पक्ष की धार्मिक भावना या कानूनी स्थिति प्रभावित न हो।

सुनवाई के दौरान अदालत ने प्रदेश सरकार द्वारा दाखिल एप्लिकेशन और श्रृंगार गौरी पक्ष की दलीलों को ध्यानपूर्वक सुना। अदालत ने कहा कि सरकार की एप्लिकेशन को वापस लेने और दोनों पक्षों की सहमति के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी। अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि किसी भी प्रकार का बदलाव या प्रक्रिया केवल सर्वोच्च न्यायालय के दिशा निर्देशों और पूर्व में पारित आदेशों के अनुरूप ही की जा सकती है।

जिला जज ने अपने आदेश में यह भी बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही वाराणसी के जिलाधिकारी को इस पूरे मामले का नियंत्रक अधिकारी घोषित किया है। उन्हें ही इस प्रक्रिया से जुड़े नीतिगत निर्णय लेने का अधिकार दिया गया है। इस निर्देश के बाद अब वजूखाने की सील और कपड़ा बदलने का रास्ता साफ हो गया है, हालांकि इसकी तारीख अगले आदेश के बाद तय की जाएगी।

हिंदू पक्ष के वकील शुभाश नंदन चतुर्वेदी ने बताया कि अदालत ने इस मामले की अगली सुनवाई 29 अक्टूबर को तय की है। उस दिन सीलिंग कपड़ा बदलने की तारीख पर विचार किया जाएगा और आवश्यक प्रक्रिया को अंतिम रूप दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि अदालत ने हिंदू और मुस्लिम दोनों पक्षों को अगली सुनवाई में उपस्थित रहने का निर्देश दिया है, ताकि किसी भी पक्ष की आपत्ति या चिंता को वहीं पर सुलझाया जा सके।

मुस्लिम पक्ष के अधिवक्ताओं ने भी अदालत के निर्देशों का सम्मान करते हुए कहा कि वे प्रक्रिया में पूरी पारदर्शिता और सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के अनुरूप सहयोग देंगे। अदालत ने सभी पक्षों से शांति बनाए रखने और कानूनी प्रक्रिया का पालन करने की अपील की है।

इस आदेश के साथ ज्ञानवापी परिसर से जुड़ी यह कार्यवाही एक संवेदनशील लेकिन महत्वपूर्ण मोड़ पर पहुंच गई है। अदालत ने अपने फैसले में स्पष्ट किया है कि प्रशासन और न्यायालय दोनों ही पक्षों की धार्मिक भावनाओं का सम्मान करते हुए ही आगे कदम उठाएंगे। 29 अक्टूबर को होने वाली सुनवाई में यह तय होगा कि वजूखाने के सीलिंग कपड़े को बदलने की प्रक्रिया किस दिन और किस तरह पूरी की जाएगी।

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