Fri, 19 Dec 2025 13:31:37 - By : Palak Yadav
वाराणसी जिला एवं सत्र न्यायालय ने 17 साल पुराने एक संवेदनशील मामले में अहम फैसला सुनाते हुए विवाहिता को आत्महत्या के लिए उकसाने के दोष में पति को सजा सुनाई है। अदालत ने मामले से जुड़े गवाहों के बयान साक्ष्यों और पुलिस की चार्जशीट का गहन अध्ययन करने के बाद आरोपी को दोषी करार दिया। यह फैसला घरेलू हिंसा और दहेज उत्पीड़न से जुड़े मामलों में न्यायिक प्रक्रिया की गंभीरता को दर्शाता है।
विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम प्रथम अवधेश कुमार की अदालत ने मिर्जामुराद थाना क्षेत्र के बेनीपुर निवासी राजकुमार पटेल को पांच वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। इसके साथ ही अदालत ने उस पर बीस हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है। अभियोजन पक्ष की ओर से सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता श्रवण कुमार रावत ने सशक्त पैरवी की जबकि वादी पक्ष की ओर से अधिवक्ता सर्वेन्द्र कुमार सिंह ने अदालत के समक्ष पक्ष रखा। अदालत ने अपने आदेश में स्पष्ट किया कि उपलब्ध साक्ष्य आरोपी के खिलाफ आरोप सिद्ध करने के लिए पर्याप्त हैं।
अभियोजन के अनुसार मृतका राजकुमारी के पिता ने अदालत के आदेश पर मिर्जामुराद थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। आरोप था कि विवाह के बाद से ही राजकुमार पटेल अपनी पत्नी को दहेज के लिए लगातार प्रताड़ित करता था। मानसिक और शारीरिक उत्पीड़न से परेशान होकर फरवरी 2008 में राजकुमारी की मौत हो गई थी। मामले की जांच के बाद पुलिस ने पति के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाते हुए चार्जशीट दाखिल की थी। लंबी सुनवाई के बाद अदालत ने आरोपी को दोषी मानते हुए सजा सुनाई।
इसी बीच वाराणसी से जुड़े एक अन्य मामले में अदालत ने जानलेवा हमले के आरोपी को जमानत प्रदान की है। विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम चतुर्थ रविंद्र कुमार श्रीवास्तव की अदालत ने चंदौली जिले के बलुआ निवासी आकाश यादव की जमानत अर्जी स्वीकार कर ली। यह मामला सारनाथ थाना क्षेत्र से जुड़ा है जहां पुरानी रंजिश के चलते शादी समारोह में शामिल होने आए एक युवक को गोली मार दी गई थी। बचाव पक्ष की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अनुज यादव नरेश यादव विकास यादव और संदीप यादव ने अदालत में तर्क प्रस्तुत किए जिसके बाद जमानत मंजूर की गई।