Tue, 26 Aug 2025 19:56:24 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA
वाराणसी:.साइबर अपराधियों के खिलाफ चल रहे विशेष अभियान के तहत वाराणसी पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। साइबर सेल और थाना चौक पुलिस की संयुक्त टीम ने मोतीझील महमूरगंज स्थित एक किराए के मकान में संचालित फर्जी कंपनी और उसके कॉल सेंटर का पर्दाफाश किया। इस कार्रवाई में सात आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है, जो लंबे समय से बेरोजगार युवाओं को विदेश में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी का धंधा चला रहे थे।
पुलिस के मुताबिक यह गैंग करीब एक वर्ष से सक्रिय था और अब तक हजारों लोगों को अपनी ठगी का शिकार बना चुका है। आरोपियों ने विदेश में नौकरी के नाम पर लोगों से मोटी रकम वसूली और बदले में उन्हें फर्जी ऑफर लेटर, वीजा, मेडिकल सर्टिफिकेट और फ्लाइट टिकट उपलब्ध कराए। जब पीड़ित एयरपोर्ट पहुंचते थे तो उन्हें पता चलता था कि उनकी फ्लाइट ही अस्तित्व में नहीं है। इस तरह लोगों की मेहनत की कमाई सुनियोजित तरीके से म्यूल अकाउंट्स के जरिए निकाल ली जाती थी।
छापेमारी के दौरान पुलिस ने आरोपियों के पास से एक लैपटॉप, नौ मोबाइल फोन और भारी संख्या में फर्जी दस्तावेज बरामद किए हैं। जांच में सामने आया है कि यह गिरोह कॉल करने के लिए फर्जी सिम कार्ड का इस्तेमाल करता था और इसके एजेंट कोलकाता, दिल्ली और मुंबई जैसे बड़े शहरों में फैले हुए थे। इन एजेंट्स की मदद से यह नेटवर्क देशभर में बेरोजगार युवाओं को फंसाकर धोखाधड़ी करता था।
गिरफ्तार आरोपियों की पहचान राकेश यादव (निवासी बच्छांव, थाना रोहनिया), मोहम्मद असलम (निवासी जुगुलटोला, थाना आदमपुर), राहुल गुप्ता (निवासी शिवधाम नगर कॉलोनी, अखरी बाईपास, थाना रोहनिया), अमित कुमार यादव (निवासी नचनीकुओं, थाना आदमपुर) और प्रियांशु प्रजापति (निवासी जुगुलटोला मछोदरी, थाना आदमपुर) के रूप में हुई है। पुलिस के अनुसार इनके बाकी साथियों और एजेंट्स की तलाश भी जारी है।
साइबर सेल अधिकारियों का कहना है कि यह गिरोह बेहद संगठित तरीके से काम करता था। लोगों को पहले आकर्षक नौकरी का लालच दिया जाता था और जब वह जाल में फंस जाते थे, तो उनसे लाखों रुपये हड़पे जाते थे। पुलिस ने बताया कि बरामद लैपटॉप और मोबाइल की डिजिटल फॉरेंसिक जांच कराई जाएगी ताकि ठगी के पूरे नेटवर्क का खुलासा हो सके।