Sat, 18 Oct 2025 10:10:19 - By : Yash Agrawal
वाराणसी: भगवान शिव को अन्न और धन की भिक्षा देने वाली मां अन्नपूर्णा के स्वर्ण रूप के दर्शन के लिए भक्तों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी है। काशी विश्वनाथ धाम परिसर में भक्तों की आस्था का ऐसा अनोखा दृश्य देखने को मिला, जहां मां के दर्शन और आशीर्वाद के लिए श्रद्धालु लगभग 18 घंटे पहले से ही लाइन में लग गए। मां अन्नपूर्णा के दर्शन के लिए 2 किलोमीटर से अधिक लंबी कतार लगी हुई है, जो धनतेरस से शुरू होकर अन्नकूट तक पांच दिनों तक जारी रहेगी।
साल में केवल एक बार होते हैं स्वर्ण प्रतिमा के दर्शन
धनतेरस से लेकर अन्नकूट तक यानी 18 अक्टूबर से 22 अक्टूबर तक भक्तों को मां अन्नपूर्णा के स्वर्ण रूप के दर्शन का अवसर मिलता है। यह वह समय होता है जब काशी में भक्तों की आस्था और भक्ति का ज्वार उमड़ पड़ता है। पूरे वर्ष भक्त इस पल का इंतजार करते हैं, क्योंकि मां अन्नपूर्णा की स्वर्ण प्रतिमा के दर्शन साल में केवल एक बार ही संभव होते हैं। इस दौरान भक्तों को मां के खजाने का आशीर्वाद प्राप्त होता है, जिसे प्रसाद के रूप में बांटा जाता है।
खजाने के रूप में मिल रहा है लावा और सिक्के का प्रसाद
काशी विश्वनाथ कॉरिडोर में भक्त अस्थायी सीढ़ियों के माध्यम से फर्स्ट फ्लोर तक पहुंचते हैं, जहां मां अन्नपूर्णा की प्रतिमा विराजमान है। दर्शन के बाद भक्त मंदिर से बाहर निकलते समय मां के खजाने के प्रतीक स्वरूप लावा और सिक्के का प्रसाद प्राप्त कर रहे हैं। श्रद्धालुओं का मानना है कि इस प्रसाद को घर में रखने से धन, अन्न और सुख-समृद्धि की कभी कमी नहीं होती।
धनतेरस पर बंटेगा 11 लाख सिक्कों का खजाना
महंत शंकर पुरी ने बताया कि इस वर्ष धनतेरस के अवसर पर भक्तों के बीच 11 लाख से अधिक सिक्के और 11 क्विंटल लावा प्रसाद के रूप में वितरित किए जाएंगे। यह प्रसाद हर उस श्रद्धालु को दिया जाएगा जो दर्शन के लिए आता है। महंत ने कहा कि यह मां अन्नपूर्णा की कृपा का प्रतीक है, और इसे घर के भंडार में रखने मात्र से परिवार में समृद्धि और अन्न की वृद्धि होती है।
भक्तों की श्रद्धा ने बनाया काशी को आस्था का केंद्र
काशी में चल रहे इस धार्मिक आयोजन के दौरान पूरा विश्वनाथ धाम भक्तिमय वातावरण में डूबा हुआ है। मंदिर परिसर में भक्ति गीतों की गूंज, दीपों की रोशनी और श्रद्धालुओं की भीड़ एक अलौकिक दृश्य प्रस्तुत कर रही है। प्रशासन ने भी श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए विशेष इंतजाम किए हैं, ताकि दर्शन का क्रम सुचारू रूप से चलता रहे।
मां अन्नपूर्णा के दर्शन के इस वार्षिक अवसर ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि काशी केवल एक धार्मिक नगरी ही नहीं, बल्कि भक्ति और श्रद्धा का केंद्र है, जहां आस्था का प्रवाह हर दिशा में महसूस किया जा सकता है।