Fri, 05 Sep 2025 15:16:36 - By : Garima Mishra
वाराणसी में दुर्गा पूजा 2025 की तैयारी ने जोर पकड़ लिया है। गलियों में भक्ति और उत्साह का माहौल है, वहीं मूर्तिकार अपनी कला से इस बार के उत्सव को खास बनाने में जुटे हैं। नवरात्र शुरू होने में अब केवल 18 दिन बचे हैं और इसी को देखते हुए कारीगर दिन-रात काम कर रहे हैं। इस बार दुर्गा पूजा की प्रतिमाओं में नारी सशक्तिकरण, देशभक्ति और पर्यावरण संरक्षण के संदेश को प्रमुखता दी जा रही है।
कोलकाता से आए कारीगरों की मदद से काशी के मूर्तिकार मिट्टी, घास, बांस और जूट जैसे पर्यावरण अनुकूल सामग्री का इस्तेमाल कर मूर्तियां तैयार कर रहे हैं। खोजवां के मूर्तिकार अभिजीत विश्वास ने बताया कि वह लहरतारा पंडाल के लिए विशेष प्रतिमा बना रहे हैं। इस मूर्ति में मां दुर्गा अपनी गोद में घायल सैनिक को थामे आतंकवादी रूपी राक्षस का वध करती दिखाई देंगी, जबकि मां लक्ष्मी एक सुहागन को सिंदूर दान करती नजर आएंगी। यह झांकी ऑपरेशन सिंदूर के साथ देशभक्ति और नारी शक्ति का अद्भुत संगम होगी।
अर्दली बाजार में इस बार दुर्गा पूजा पंडाल आर्मी बेसमेंट की थीम पर सजाया जा रहा है। यहां मां काली आतंकवाद के प्रतीक राक्षस का संहार करती हुई दिखेंगी। चेतगंज के मां वैष्णो क्लब में मूर्तियां हरे पत्तों के डिजाइन के साथ तैयार की जा रही हैं, जो पर्यावरण संरक्षण का संदेश देंगी। वहीं भेलूपुर के जिम स्पोर्टिंग क्लब में कोलकाता की पारंपरिक शैली को जीवंत करने वाली प्रतिमाएं बन रही हैं, जिनमें बंगाली संस्कृति की झलक साफ नजर आएगी।
काशी में हर साल दुर्गा पूजा सिर्फ एक धार्मिक आयोजन भर नहीं होती, बल्कि कला, संस्कृति और सामाजिक संदेशों का संगम बन जाती है। इस बार की थीम और प्रतिमाओं की विशेषता से स्पष्ट है कि श्रद्धा के साथ ही समाज को जागरूक करने का प्रयास भी किया जा रहा है। मूर्तिकारों की रचनात्मकता और कारीगरों की मेहनत आने वाले दिनों में काशी की गलियों को आस्था और उत्सव के रंगों से भर देगी।