Mon, 08 Sep 2025 12:57:47 - By : Shriti Chatterjee
वाराणसी: दशहरा पर्व को लेकर तैयारियां शुरू हो गई हैं। बरेका के केंद्रीय खेल मैदान में इस वर्ष रावण दहन का आयोजन विशेष आकर्षण का केंद्र रहेगा। आयोजन समिति ने बताया है कि इस बार रावण का पुतला 70 फीट ऊंचा बनाया जा रहा है। परंपरा के अनुसार कुम्भकर्ण का पुतला 65 फीट और मेघनाद का पुतला 60 फीट ऊंचा होगा। दशकों से चली आ रही इस परंपरा के अनुरूप पुतलों का निर्माण मंडुवाडीह निवासी शमशाद और उनका परिवार कर रहा है। उनका परिवार कई पीढ़ियों से इस कार्य को करता आ रहा है और दशहरे के अवसर पर पूरे शहर के लिए आकर्षण का कारण बनता है।
समिति के रूपक निदेशक एस.डी. सिंह ने जानकारी दी कि पुतलों की तैयारी में इस बार भी विशेष ध्यान रखा गया है ताकि आयोजन और अधिक भव्य बने। कारीगर शमशाद ने बताया कि रावण, कुम्भकर्ण और मेघनाद के पुतलों के निर्माण में लगभग 200 किलो मैदा, 150 बांस, 200 किलो कागज, डेढ़ कुंतल तांत, 150 साड़ियां, 50 किलो रंग और एक किलो तूतिया का उपयोग किया जा रहा है। पुतलों के अंदर विशेष तरीके से पटाखे लगाए जा रहे हैं ताकि दहन के समय दृश्य अद्भुत और आकर्षक दिखाई दे। प्रत्येक पुतले में लगभग 200 पटाखे लगाए जाएंगे जिनके धमाकों से वातावरण गूंज उठेगा और लोगों का रोमांच बढ़ेगा।
करीब 10 कारीगरों की टीम बीते दो महीने से लगातार पुतलों के निर्माण में लगी हुई है। बांस काटने और जोड़ने से लेकर कागज चिपकाने और रंगाई पुताई तक का काम सामूहिक प्रयास से पूरा किया जा रहा है। शमशाद का कहना है कि दशहरा नजदीक आते ही यह कार्य पूरे परिवार के लिए किसी त्योहार जैसा बन जाता है। परिवार के हर सदस्य की इसमें भूमिका होती है और यह परंपरा अब उनके जीवन का हिस्सा बन गई है।
विजया दशमी के दिन बरेका का केंद्रीय खेल मैदान हजारों दर्शकों से भर जाता है। दूर दराज से लोग इन विशालकाय पुतलों को देखने आते हैं। जैसे ही शाम को रावण, कुम्भकर्ण और मेघनाद के पुतलों में अग्नि लगाई जाती है तो पूरा आसमान रंग बिरंगी आतिशबाजी और पटाखों से जगमगा उठता है। बुराई पर अच्छाई की जीत का यह प्रतीक आयोजन हर वर्ष शहर के लोगों को एकता, उल्लास और उमंग का संदेश देता है। आयोजन समिति का कहना है कि इस बार भी दशहरा पर्व को यादगार बनाने के लिए हर संभव तैयारी की जा रही है।