Fri, 22 Aug 2025 15:59:31 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA
वाराणसी: राजातालाब तहसील परिसर गुरुवार को उस समय दहशत और अफरातफरी में बदल गया, जब एक फरियादी ने जमीन का मुकदमा हारने के बाद न्यायालय प्रांगण में खुद को आग के हवाले कर दिया। देखते ही देखते बुजुर्ग की चीखें गूंज उठीं और मौके पर मौजूद अधिवक्ता व लोग सकते में आ गए।
घटना राजातालाब तहसील के शिव मंदिर परिसर की है, जहां मिर्जामुराद थाना क्षेत्र के जोगापुर निवासी 57 वर्षीय वशिष्ठ नारायण गौण ने अपने ऊपर पेट्रोल जैसा ज्वलनशील पदार्थ डालकर आग लगा ली। आग की लपटें तेजी से फैलीं और बुजुर्ग बुरी तरह झुलस गए। अचानक हुए इस हादसे से तहसील परिसर में भगदड़ मच गई। कई अधिवक्ता और लोग उन्हें बचाने आगे बढ़े, मगर धधकती आग देखकर पीछे हट गए। इस बीच मौके पर पहुंचे राजातालाब थाना प्रभारी राजू कुमार और कुछ पुलिसकर्मियों ने कपड़ा और मिट्टी डालकर आग बुझाने की कोशिश की, तब जाकर आग पर काबू पाया गया।
हमारे संवाददाता शुभम शर्मा ने बताया कि, वशिष्ठ नारायण गौण का अपने ही गांव के अरविंद बाबू से जमीन का विवाद चल रहा था। इस मामले में तहसीलदार कोर्ट ने उनके खिलाफ बेदखली का आदेश जारी कर दिया था। उन्होंने इस आदेश को चुनौती देते हुए जिलाधिकारी कोर्ट में अपील की, लेकिन वहां भी उनकी अपील खारिज कर दी गई। बताया जाता है कि इसी फैसले से आहत होकर वे तहसील आए और आक्रोश में इस खौफनाक कदम को उठा लिया।
आग बुझाए जाने के बाद भी वशिष्ठ नारायण न्यायिक व्यवस्था और फैसले पर सवाल उठाते रहे। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि वे लगातार अन्याय का शिकार होने की बात कहते रहे। गंभीर रूप से झुलसे वशिष्ठ नारायण को तत्काल एम्बुलेंस से ट्रामा सेंटर भेजा गया, जहां डॉक्टरों ने बताया कि उनके शरीर का लगभग 50 फीसदी हिस्सा जल चुका है और हालत नाजुक बनी हुई है।
तहसील परिसर में हुई इस घटना से न केवल अधिवक्ता व कर्मचारी बल्कि आम लोग भी सन्न रह गए। लोगों का कहना है कि वर्षों तक मुकदमेबाजी में परेशान होकर आखिरकार वशिष्ठ ने यह कदम उठाया। वहीं स्थानीय निवासियों ने भी न्यायिक प्रक्रिया की धीमी रफ्तार और गरीब लोगों की बेबसी पर सवाल खड़े किए।
फिलहाल पुलिस मामले की गंभीरता से जांच कर रही है। अधिकारी कह रहे हैं कि तहसील परिसर में सुरक्षा व्यवस्था को और सख्त किया जाएगा, ताकि भविष्य में ऐसी दर्दनाक घटना की पुनरावृत्ति न हो।