Thu, 21 Aug 2025 20:31:17 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA
वाराणसी: सेंट्रल बार एसोसिएशन और बनारस बार एसोसिएशन की संयुक्त अधिवक्ता जांच समिति ने मंगलवार को एक औचक अभियान चलाकर बड़ी कार्रवाई की। अभियान के दौरान दो ऐसे व्यक्तियों को पकड़ लिया गया, जो अधिवक्ता की वेशभूषा धारण कर फर्जी तरीके से विधिक कार्य कर रहे थे।
जानकारी के अनुसार, पकड़े गए दोनों व्यक्तियों ने अधिवक्ता का चोगा पहन रखा था और खुद को वकील बताकर कानूनी दस्तावेजों पर काम कर रहे थे। मौके पर जांच समिति के सदस्यों को कई पत्रावलियां और उनके हस्ताक्षर से भरे कागजात मिले। जब उनसे अधिवक्ता पहचान पत्र या किसी अन्य प्रकार का वैध प्रमाण मांगा गया, तो वे कोई संतोषजनक दस्तावेज प्रस्तुत नहीं कर सके। इसके बाद दोनों को बार कक्ष में लाकर विस्तृत पूछताछ की गई।
पकड़े गए फर्जी वकीलों में एक ने अपना नाम विनोद कुमार गुप्ता और दूसरे ने शिवनंदन पटेल बताया। पूछताछ के दौरान भी वे कोई ठोस प्रमाण पत्र नहीं दे सके। इसके बाद जांच समिति ने तत्काल स्थानीय थाना कैंट को सूचित किया। सूचना मिलते ही पुलिस बल मौके पर पहुंचा और दोनों को हिरासत में लेकर कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी।
गौरतलब है कि सेंट्रल बार और बनारस बार एसोसिएशन ने आठ जुलाई से एक विशेष जांच अभियान शुरू किया है, ताकि बार परिसर और न्यायालयों में फर्जी तरीके से वकालत करने वालों पर अंकुश लगाया जा सके। अब तक चेतावनी देकर कई संदिग्धों को छोड़ा जाता रहा था, लेकिन यह पहली बार है जब औपचारिक गिरफ्तारी हुई है। इस कार्रवाई से अधिवक्ता समुदाय में राहत और संतोष की भावना देखने को मिली।
अभियान में अधिवक्ता संघ के कई वरिष्ठ सदस्य मौजूद रहे, जिनमें सर्वश्री दिवाकर द्विवेदी, मंगला तिवारी, कमलेश यादव, गौतम झा, ओमशंकर श्रीवास्तव, अमित उपाध्याय और यामिनी शर्मा शामिल रहे। समिति ने कहा कि भविष्य में भी इस तरह के औचक निरीक्षण जारी रहेंगे, ताकि विधिक व्यवसाय की गरिमा और विश्वसनीयता पर कोई आंच न आ सके।
इस घटना के बाद बार एसोसिएशन ने दोहराया कि जो भी व्यक्ति बिना अधिवक्ता परिषद में पंजीकरण और वैध पहचान पत्र के न्यायालय परिसर में वकालत करने की कोशिश करेगा, उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।