Sat, 01 Nov 2025 12:33:57 - By : Garima Mishra
वाराणसी में अब गंगा नदी में नावों का पंजीकरण और संचालन भारतीय अन्तर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण के अधीन होगा। इस नए निर्णय का उद्देश्य जलमार्गों की सुरक्षा, प्रबंधन और संचालन को अधिक व्यवस्थित बनाना है। देव दीपावली के अवसर पर गंगा में सैकड़ों नौकाओं के एक साथ चलने से ट्रैफिक जाम जैसी स्थिति बन जाती है। ऐसे में यह कदम नाव संचालन की निगरानी और नियंत्रण को प्रभावी बनाने की दिशा में एक बड़ा सुधार माना जा रहा है।
अब तक गंगा में नावों के संचालन की जिम्मेदारी वाराणसी जल पुलिस के पास थी, जबकि नावों का पंजीकरण और सीएनजी संचालन नगर निगम द्वारा किया जाता था। लेकिन अब भारतीय अन्तर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण इन सभी कार्यों की जिम्मेदारी संभालेगा। सहायक सम्भागीय परिवहन अधिकारी ने बताया कि यह निर्णय उत्तर प्रदेश अन्तर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण अधिनियम 2023 के तहत लिया गया है, जिसके अंतर्गत राज्य स्तर पर जलमार्ग प्राधिकरण का गठन किया गया है।
नगर निगम द्वारा फिलहाल नए नाव लाइसेंस जारी नहीं किए जा रहे हैं। ऐसे में नावों के पंजीकरण और संचालन के लिए भारतीय अन्तर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण द्वारा एक विशेष पोर्टल तैयार किया जा रहा है। यह पोर्टल नाव मालिकों को पंजीकरण, अनुमति और अन्य आवश्यक प्रक्रियाओं को ऑनलाइन पूरा करने की सुविधा देगा। इसके माध्यम से पारदर्शिता बढ़ेगी और नाव संचालन से संबंधित शिकायतों या समस्याओं के समाधान में आसानी होगी।
यह परिवर्तन न केवल नाव संचालन को सुव्यवस्थित करेगा बल्कि यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा को भी प्राथमिकता देगा। विशेषज्ञों का मानना है कि इस प्रणाली के लागू होने से गंगा में नौकाओं की अनियंत्रित भीड़ पर रोक लगेगी, जिससे जल यातायात सुरक्षित बनेगा। भारतीय अन्तर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण की यह पहल जल परिवहन को आधुनिक और पर्यावरण अनुकूल दिशा देने में सहायक साबित हो सकती है। इससे स्थानीय नाविकों को भी एक स्थायी और संगठित ढांचा मिलेगा, जिससे उनके कार्य में स्थिरता आएगी और यात्रियों को बेहतर अनुभव प्राप्त होगा।