वाराणसी: गंगा में नावों का संचालन अब अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण संभालेगा

राज्य सरकार ने वाराणसी में गंगा में नाव संचालन की जिम्मेदारी नगर निगम से लेकर उत्तर प्रदेश अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण को सौंपी है।

Wed, 29 Oct 2025 15:21:32 - By : Palak Yadav

वाराणसी: गंगा नदी में अब नावों के संचालन, पंजीकरण और लाइसेंस जारी करने की जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण के अधीन होगी। अब तक यह काम नगर निगम द्वारा किया जाता था, लेकिन राज्य सरकार ने नदी परिवहन और जल पर्यटन को सशक्त बनाने के उद्देश्य से यह अधिकार नए प्राधिकरण को सौंप दिया है। शासन के स्तर से कैबिनेट की मंजूरी के बाद इस संस्था का क्षेत्रीय कार्यालय वाराणसी में स्थापित किया जाएगा।
नए सिस्टम के लागू होने के बाद यह प्राधिकरण गंगा सहित प्रदेश की अन्य प्रमुख नदियों में नावों, मोटरबोटों और क्रूज सेवाओं के संचालन का विनियमन करेगा। इसके साथ ही यह संस्था नदियों के संरक्षण, सुरक्षा, स्वच्छता और जलमार्ग विकास की भी जिम्मेदारी निभाएगी। इस कदम से घाटों पर अवैध या अनियमित नाव संचालन पर रोक लगाने और पर्यावरणीय दृष्टिकोण से सुरक्षित नावों के उपयोग को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी।
वाराणसी में मौजूद 88 घाटों पर इस निर्णय का सीधा असर देखने को मिलेगा। अब डीजल चालित नावों को धीरे-धीरे हटाकर सीएनजी और बैटरी संचालित नावों को प्राथमिकता दी जाएगी। यह कदम न केवल गंगा की स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में महत्वपूर्ण साबित होगा, बल्कि इससे नाविकों और पर्यटकों की सुरक्षा भी और मजबूत होगी। राज्य सरकार ने स्पष्ट किया है कि भविष्य में केवल ग्रीन एनर्जी आधारित नावों को ही संचालन की अनुमति दी जाएगी ताकि प्रदूषण को न्यूनतम किया जा सके।
वाराणसी के नाविकों का कहना है कि पिछले दो साल से नगर निगम ने किसी को भी नया लाइसेंस जारी नहीं किया है। कई नावें बिना लाइसेंस के ही घाटों पर संचालित हो रही हैं, जिससे न तो संचालन का उचित रिकॉर्ड है और न ही सुरक्षा मानकों का पालन हो रहा है। नाविकों ने उम्मीद जताई है कि जलमार्ग प्राधिकरण के गठन से उन्हें फिर से नियमित रूप से लाइसेंस मिलने लगेंगे और उनकी आजीविका में स्थिरता आएगी।
प्राधिकरण जल पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए नई नीतियां बनाएगा, जिनमें नावों की किराया दरें, संचालन समय और सुरक्षा मानक तय किए जाएंगे। सभी नाविकों के लिए लाइफ जैकेट और सुरक्षा उपकरण अनिवार्य किए जाएंगे। इसके अलावा, पर्यटकों की सुविधा के लिए आपातकालीन सहायता प्रणाली और निगरानी तंत्र को भी सुदृढ़ किया जाएगा। इस पूरी प्रक्रिया को डिजिटल बनाने के लिए एक विशेष ऑनलाइन पोर्टल तैयार किया जा रहा है, जहां से नावों का पंजीकरण, लाइसेंसिंग और नवीनीकरण सरल और पारदर्शी तरीके से किया जा सकेगा।
अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण में परिवहन, वित्त, लोक निर्माण, सिंचाई एवं जल संसाधन, पर्यटन, नगर निगम, जल पुलिस, वन और पर्यावरण विभाग समेत कई प्रमुख विभागों की भूमिका रहेगी। ये सभी विभाग मिलकर जलमार्ग के संरक्षण, सुरक्षा और संचालन को एकीकृत ढांचे में लाने का कार्य करेंगे।
सहायक सम्भागीय परिवहन अधिकारी ने बताया कि नगर निगम अब नावों के पंजीकरण या संचालन से संबंधित कोई नया लाइसेंस जारी नहीं करेगा। जल्द ही नए प्राधिकरण के तहत ऑनलाइन सिस्टम शुरू किया जाएगा, जिससे नाविकों और पर्यटकों दोनों के लिए प्रक्रिया अधिक सुरक्षित और सरल हो जाएगी।
AI Image Prompt (16:9):
"वाराणसी के गंगा घाटों पर सीएनजी और बैटरी चालित नावें, पृष्ठभूमि में काशी विश्वनाथ मंदिर का दृश्य, साफ आसमान, घाटों पर लोग सैर करते हुए, पर्यावरण अनुकूल नावों का संचालन दर्शाता दृश्य, ग्रीन एनर्जी थीम के साथ"

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