Fri, 24 Oct 2025 16:08:01 - By : Shubheksha vatsh
वाराणसी : परंपराओं और आस्था की नगरी काशी में इस बार 25 अक्टूबर 2025 को गंगा नदी यमुना का रूप धारण कर कालिंदी कहलाएगी। इस पावन दिन तुलसीघाट पर भगवान श्रीकृष्ण की प्रसिद्ध कालिय दमन लीला का मंचन होगा, जिसे देखने के लिए हर साल की तरह इस बार भी हजारों श्रद्धालु जुटेंगे। यह आयोजन न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि काशी की सांस्कृतिक परंपराओं की जीवंत मिसाल भी है।
लीला के दौरान पूरा तुलसीघाट द्वापर युग की छवि प्रस्तुत करता है। भगवान श्रीकृष्ण अपने सखाओं संग कंदुक क्रीड़ा करते हैं और खेलते-खेलते उनकी गेंद यमुना में जा गिरती है। सखाओं के आग्रह पर कान्हा कदंब के वृक्ष पर चढ़ते हैं और यमुना में कूदकर गेंद निकालने जाते हैं। उसी समय कालिय नाग प्रकट होता है, जिसके फन पर श्रीकृष्ण नृत्य करते हुए बांसुरी बजाते हैं और उसे परास्त करते हैं। यह दृश्य श्रद्धालुओं के बीच भक्ति और रोमांच दोनों का संचार करता है।
आयोजन समिति के अनुसार, 25 अक्टूबर को यह लीला शनिवार की शाम तीन बजे से प्रारंभ होगी और ठीक 4:40 बजे भगवान श्रीकृष्ण कदंब के वृक्ष से यमुना में छलांग लगाकर कालिय नाग का दमन करेंगे। इस दौरान घाट पर घंटों की गूंज और जय श्रीकृष्ण के जयकारों से वातावरण भक्तिमय हो जाएगा।
यह आयोजन गोस्वामी तुलसीदास द्वारा आरंभ की गई श्रीकृष्ण लीला का हिस्सा है और अब काशी के लक्खा मेलों में शुमार हो चुका है। तुलसीघाट से लेकर अस्सी घाट तक श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ती है। श्रीसंकट मोचन मंदिर के महंत प्रो. विश्वंभर नाथ मिश्र भगवान श्रीकृष्ण की आरती करेंगे, जबकि पूर्व काशी नरेश परिवार के अनंत नारायण सिंह सपरिवार लीला दर्शन के लिए उपस्थित रहेंगे।
हर वर्ष की तरह इस बार भी आयोजन में धर्म, लोक संस्कृति और भक्ति का अद्भुत संगम देखने को मिलेगा। जब श्रीकृष्ण कालिय नाग के फनों पर नृत्य करेंगे, तब गंगा सचमुच कालिंदी का रूप धारण कर दिव्य आभा बिखेरेंगी।