वाराणसी: हरहुआ में बारिश से धान की फसल खराब, किसानों को बड़ा आर्थिक नुकसान

वाराणसी के हरहुआ में दो दिनों से हो रही बारिश से धान की फसल खराब होने का खतरा, किसानों को भारी नुकसान की आशंका है।

Wed, 29 Oct 2025 15:39:12 - By : Palak Yadav

वाराणसी: हरहुआ विकास क्षेत्र में पिछले दो दिनों से हो रही हल्की बारिश ने किसानों की परेशानी बढ़ा दी है। लंबे समय से मेहनत कर तैयार की गई धान की फसल पर मौसम की मार पड़ गई है। खेतों में खड़ी फसल के साथ-साथ कटाई के बाद रखे गए धान के बोझे भीग गए हैं, जिससे सड़ने और फफूंदी लगने का खतरा तेजी से बढ़ गया है। किसानों का कहना है कि इस बार अच्छी पैदावार की उम्मीद थी, लेकिन मौसम ने सारी मेहनत पर पानी फेर दिया।

स्थानीय किसानों ने बताया कि धान की फसल समय पर पककर तैयार हो गई थी और कई जगहों पर कटाई का काम शुरू भी हो गया था। लेकिन लगातार बादल छाए रहने और रुक-रुककर हो रही बारिश के कारण खेतों में कटे पड़े धान को सुखाना संभव नहीं हो पा रहा है। खेतों में जगह-जगह पानी भर गया है जिससे कटे हुए धान के बोझे की नमी बढ़ गई है और सड़न का खतरा मंडरा रहा है।

फौजदार पटेल, राजेंद्र पटेल, गामा यादव और बचनु यादव सहित कई किसानों ने बताया कि बारिश के कारण मजदूर खेतों में नहीं पहुंच पा रहे हैं और थ्रेशर मशीनें भी नहीं चल पा रही हैं। कई किसान अपने खेतों में रखे धान को तिरपाल से ढकने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन लगातार नमी और धूप न निकलने की वजह से यह उपाय भी पर्याप्त नहीं साबित हो रहा है। किसानों का कहना है कि यदि अगले कुछ दिनों में मौसम में सुधार नहीं हुआ तो फसल की गुणवत्ता पर गंभीर असर पड़ेगा और आर्थिक नुकसान झेलना पड़ेगा।

किसानों के मुताबिक इस बार धान की फसल अच्छी थी और उत्पादन में बढ़ोतरी की संभावना थी। लेकिन बारिश ने स्थिति को बिगाड़ दिया है। खेतों में मशीनरी के न चलने से कटाई का काम भी ठप पड़ा हुआ है। जिन किसानों ने पहले से कटाई की थी, वे भी अब परेशान हैं क्योंकि सुखाने का कोई साधन नहीं बचा है।

मौसम विभाग ने बताया है कि बंगाल की खाड़ी में बने चक्रवाती तूफान मोंथा के प्रभाव से वाराणसी और आसपास के जिलों में 30 और 31 अक्टूबर को भारी वर्षा की संभावना है। इस पूर्वानुमान से किसानों की चिंता और बढ़ गई है क्योंकि लगातार नमी और पानी भराव की स्थिति में फसल के पूरी तरह सड़ने की आशंका है।

किसानों ने प्रशासन से मांग की है कि खराब मौसम के कारण हुए नुकसान का सर्वे कराया जाए और प्रभावित किसानों को उचित मुआवजा प्रदान किया जाए। उन्होंने कहा कि अगर समय रहते सहायता नहीं मिली तो धान की बर्बाद फसल के साथ-साथ अगले रबी सीजन की तैयारी पर भी असर पड़ेगा।

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