Sat, 13 Dec 2025 11:23:33 - By : Palak Yadav
पूर्वांचल सहित वाराणसी में शनिवार की सुबह घने कोहरे की चादर में लिपटी रही और गलन ने आम जनजीवन को प्रभावित किया। सुबह से ही ठंडी हवाओं के साथ कंपकंपी जैसा एहसास बना रहा। मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुरूप कोहरे और गलन का सिलसिला जारी रहा। विभाग के अनुसार पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव के चलते अब यह स्थिति पूरे सर्दी के मौसम में बनी रह सकती है। वातावरण में नमी अधिक होने के कारण ठंड का असर ज्यादा तीखा महसूस हुआ और लोग देर सुबह तक घरों से बाहर निकलने में हिचकते नजर आए।
कोहरे का सबसे ज्यादा असर सड़कों और हाइवे पर देखने को मिला। सुबह के समय घनी धुंध के कारण दृश्यता काफी कम रही, जिससे वाहनों की आवाजाही प्रभावित हुई। गलन के चलते सड़कों पर वाहनों की संख्या भी सामान्य दिनों की तुलना में कम रही। वाहन चालक फॉग लाइट जलाकर ही सफर करते नजर आए और गति बेहद धीमी रही। कोहरे की वजह से सड़कों और चौराहों पर लोगों की आवाजाही कम रही। दिन चढ़ने के साथ धीरे धीरे हालात सामान्य हुए। सुबह करीब नौ बजे सूरज की रोशनी का हल्का असर दिखना शुरू हुआ और ग्यारह बजे के बाद धूप पूरी तरह खिल सकी। इसके बाद लोगों ने गुनगुनी धूप का सहारा लिया और ग्रामीण इलाकों से लेकर शहरी क्षेत्रों तक लोग अलाव पर हाथ सेंकते दिखाई दिए।
मौसम विशेषज्ञों का मानना है कि पश्चिमी विक्षोभ का प्रभाव अभी पूरी तरह समाप्त नहीं हुआ है। आने वाले दिनों में इसका असर और व्यापक हो सकता है। अनुमान है कि अगले पखवारे में तापमान में और गिरावट दर्ज की जा सकती है और यह पांच डिग्री सेल्सियस से भी नीचे जा सकता है। ऐसे में ठंड और गलन का असर और तेज होने की संभावना है।
पिछले चौबीस घंटों के दौरान वाराणसी में अधिकतम तापमान 24.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से 0.2 डिग्री कम रहा। वहीं न्यूनतम तापमान 9.5 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया, जो सामान्य से 1.0 डिग्री कम रहा। इस अवधि में न्यूनतम आर्द्रता 74 प्रतिशत और अधिकतम आर्द्रता 93 प्रतिशत दर्ज की गई। मौसम विभाग के अनुसार आर्द्रता अधिक होने के कारण फिलहाल गलन का प्रभाव सीमित नजर आ रहा है, लेकिन यदि पछुआ हवाओं का जोर बढ़ा तो ठंड का असर और अधिक व्यापक रूप ले सकता है।
मौसम विभाग ने संकेत दिए हैं कि एक सप्ताह के बाद तापमान में और गिरावट हो सकती है। हालांकि आगामी सप्ताह में किसी बड़े मौसमी बदलाव की संभावना से इनकार किया गया है, लेकिन कोहरे और गलन का सिलसिला लगातार जारी रहने की बात कही गई है। यदि पश्चिमी विक्षोभ का प्रभाव और मजबूत होकर पूर्वांचल तक पहुंचता है तो बादलों की सक्रियता भी बढ़ सकती है, हालांकि अभी यह स्थिति कुछ दूर मानी जा रही है।