Sat, 01 Nov 2025 20:39:24 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA
वाराणसी: राजातालाब में लगातार चार दिनों से हो रही मूसलाधार बारिश ने किसानों की मेहनत पर मानो पानी फेर दिया है। तहसील राजा तालाब के अंतर्गत सेवापुरी ब्लॉक के ग्राम सभा खरगूपुर रतनपुर में भीषण वर्षा ने खेतों को जलमग्न कर दिया है। इस प्राकृतिक आपदा ने खासतौर पर खरीफ की फसलों, विशेषकर धान की उपज को बुरी तरह प्रभावित किया है। अधिकांश किसानों ने बड़ी मेहनत से फसल की कटाई कर सुखाने के लिए खेतों में रखी ही थी कि अचानक हुई इस भारी वर्षा ने सब कुछ डुबो दिया।
गाँव के किसानों ने बताया कि उनकी साल भर की मेहनत और पूँजी एक ही रात में बर्बाद हो गई। खेतों में रखा धान अब सड़ने की स्थिति में पहुँच गया है, जिससे कई परिवारों के सामने रोज़ी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है। ग्रामीणों का कहना है कि “जब हम धान के बोझों को बाँधकर सुखाने की प्रक्रिया में थे, तभी तेज बारिश शुरू हो गई। कुछ ही घंटों में पूरा खेत जलाशय में बदल गया। अब हमारे पास न तो फसल बची है और न ही कोई सहारा।” किसानों ने यह भी बताया कि अब तक उन्हें शासन-प्रशासन से कोई मदद नहीं मिली है।
ऐसे कठिन समय में समाजसेवी और अधिवक्ता उपदेश मिश्रा “सन्नी”, जो माँ कालिका मंडल किसान मोर्चा के अध्यक्ष एवं राजमाता संस्कार सेवा आश्रम के संस्थापक हैं, स्वयं गाँव पहुँचकर किसानों के बीच खड़े दिखाई दिए। उन्होंने प्रभावित परिवारों से मुलाकात की, उनकी समस्याओं को सुना और उन्हें हरसंभव मदद का भरोसा दिया। उपदेश मिश्रा ने मौके पर ही जिला कृषि अधिकारी श्री संगम सिंह एवं तहसील राजा तालाब के उपजिलाधिकारी से दूरभाष पर वार्ता कर स्थिति की जानकारी दी। उन्होंने प्रशासन से तुरंत नुकसान का सर्वे कराने और किसानों को राहत मुआवज़ा प्रदान करने की माँग की।
उपदेश मिश्रा “सन्नी” ने कहा, “किसान देश की आत्मा हैं। जब किसान दुखी होता है, तो पूरा समाज पीड़ा महसूस करता है। मैं लगातार प्रशासन से संपर्क में हूँ और यह सुनिश्चित करूंगा कि हर प्रभावित किसान को न्याय और उचित मुआवज़ा मिले।” उन्होंने आगे कहा कि उनकी प्राथमिकता यही है कि गाँव का कोई भी किसान निराश न हो और हर परिवार को जल्द राहत मिले।
ग्राम सभा खरगूपुर की किसान पूनम देवी ने अपनी व्यथा बताते हुए कहा, “हमारे परिवार में पाँच सदस्य हैं, छोटे-छोटे बच्चे भी हैं। इस बार पहली बार धान की खेती की थी। पूरी मेहनत से बोआई की, सिंचाई की, और फसल को सुखाने रखे थे कि तभी यह बारिश शुरू हो गई। सारी फसल पानी में डूब गई। अब समझ नहीं आता कि परिवार का गुज़ारा कैसे होगा।”
इसी तरह अन्य किसानों ने भी अपनी पीड़ा व्यक्त करते हुए कहा कि वे कर्ज लेकर खेती करते हैं और इस बार की बारिश ने उनकी उम्मीदों को पूरी तरह तोड़ दिया है। उन्होंने बताया कि उपदेश मिश्रा “सन्नी” पहले भी कई बार संकट के समय उनके साथ खड़े हुए हैं। चाहे बाढ़ हो, महामारी हो या आर्थिक परेशानी। वे केवल आश्वासन देने नहीं आते, बल्कि प्रशासनिक स्तर पर तत्काल पहल करते हैं।
गाँव के बुज़ुर्गों ने भी कहा कि “सन्नी जी की उपस्थिति ने किसानों में फिर से उम्मीद की किरण जगाई है। उनके आने से हमें यह भरोसा हुआ कि हमारी आवाज़ अब ऊपर तक पहुँचेगी।”
अंत में समाजसेवी अधिवक्ता उपदेश मिश्रा “सन्नी” ने कहा, “सेवा ही मेरा संकल्प है। जब तक हर किसान के चेहरे पर मुस्कान वापस नहीं आती, तब तक चैन से नहीं बैठूँगा। यह मेरा धर्म भी है और दायित्व भी।”
उनके इस मानवीय प्रयास से न केवल प्रभावित किसानों को मानसिक बल मिला है, बल्कि पूरे क्षेत्र में यह संदेश गया है कि संवेदनशील नेतृत्व और जनसेवा की भावना ही किसी समाज की सच्ची ताकत होती है।