Tue, 19 Aug 2025 15:13:37 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA
वाराणसी: उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले से एक ऐसा मामला सामने आया है जिसने न केवल पूरे क्षेत्र को चौंका दिया बल्कि समाज में रिश्तों और परंपराओं को लेकर नई बहस छेड़ दी है। बीरभानपुर मोहन सराय स्थित एक मंदिर में एक पति ने अपनी ही पत्नी की शादी उसके प्रेमी के साथ संपन्न कराई। यह शादी किसी नाटक या दिखावे की तरह नहीं, बल्कि पूरे वैदिक रीति-रिवाजों और विधि-विधान के साथ हुई। मंदिर प्रशासन ने बाकायदा विवाह प्रमाणपत्र भी जारी किया। घटना के बाद से यह अनोखी शादी इलाके में हर किसी की जुबान पर है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, मिर्जापुर जिले के अहिरौरा निवासी अरविंद कुमार पटेल की शादी लगभग 25 वर्ष पहले चंदौली जिले के दुल्हीपुर की रीना देवी से भारतीय परंपरा और सामाजिक रीति-रिवाजों के अनुसार हुई थी। दंपति के दो संतानें हैं।बड़ी बेटी की शादी हो चुकी है, जबकि बेटा अब 18 वर्ष का है। जीवन के इस लंबे सफर में पति-पत्नी के बीच समय-समय पर खटपट होती रही, लेकिन हाल के वर्षों में यह दूरी और गहरी हो गई। विवादों से तंग आकर रीना ने अपने पति का घर छोड़ दिया और चंदौली के हमीदपुर में किराए पर रहने लगी।
रीना के अलग रहने के दौरान अरविंद को उस पर शक होने लगा। उसने पत्नी की गतिविधियों पर नजर रखनी शुरू की। इसी दौरान उसे पता चला कि रीना का 50 वर्षीय सियाराम यादव नामक व्यक्ति से प्रेम संबंध है। अरविंद ने एक दिन अचानक रीना और सियाराम को एक ही कमरे में रंगे हाथ पकड़ लिया। यह स्थिति किसी भी पति के लिए असहनीय हो सकती थी, लेकिन अरविंद ने जो कदम उठाया उसने सबको हैरत में डाल दिया। गुस्से में तलाक या विवाद का रास्ता चुनने के बजाय अरविंद ने अपने परिजनों और करीबी साथियों से विचार-विमर्श कर एक अलग निर्णय लिया, रीना और सियाराम की शादी कराने का।
मामले की भनक पुलिस तक भी पहुंची। दोनों पक्षों को चौकी ले जाया गया, जहां रीना, अरविंद और सियाराम ने आपसी सहमति से यह तय किया कि अब रीना और सियाराम साथ रहेंगे। इसके बाद तय हुआ कि उनकी शादी विधिवत तरीके से कराई जाए ताकि भविष्य में कोई सामाजिक या कानूनी बाधा न रहे।
निर्धारित दिन बीरभानपुर मोहन सराय स्थित मंदिर में अरविंद, सियाराम और रीना के परिवारजन तथा अन्य लोग एकत्र हुए। पंडितों की उपस्थिति में वैदिक मंत्रोच्चार के बीच रीना और सियाराम की शादी संपन्न कराई गई। रीना ने सियाराम को वरमाला पहनाई और विवाह संस्कार की रस्में पूरी कीं। सियाराम ने रीना की मांग में सिंदूर भरा। मंदिर की ओर से दोनों को विवाह प्रमाणपत्र भी जारी किया गया।
शादी के बाद रीना ने कहा कि वह पिछले 20 वर्षों से सियाराम को जानती है और उनके बीच गहरा लगाव है। वहीं सियाराम ने बताया कि उसने रीना के घर के पास ही दुकान खोली थी, उसी दौरान उनका आना-जाना शुरू हुआ और समय के साथ दोनों करीब आ गए। पति अरविंद ने भी यह स्वीकार किया कि दोनों के बीच प्रेम संबंध था, इसलिए उसने विवाद को आगे बढ़ाने के बजाय उन्हें वैवाहिक बंधन में बांधना बेहतर समझा।
यह पूरा मामला अब क्षेत्र में चर्चा का प्रमुख विषय बन चुका है। लोग इसे रिश्तों की अनोखी मिसाल और एक अलग तरह के समाधान के रूप में देख रहे हैं। कुछ लोग अरविंद के इस कदम को साहसिक और समझदारी भरा बता रहे हैं, जबकि कुछ इसे सामाजिक परंपराओं से अलग हटकर उठाया गया विवादास्पद निर्णय मान रहे हैं।
फिर भी इस घटना ने यह साबित कर दिया कि रिश्तों की जटिलता में भी कभी-कभी ऐसे फैसले सामने आते हैं जो परंपरागत सोच को चुनौती देते हैं। वाराणसी की यह अनोखी शादी आने वाले समय तक लोगों की यादों में एक मिसाल की तरह बनी रहेगी।