नवाचार को नई उड़ान: भारत और UAE के बीच ऐतिहासिक समझौता, स्टार्टअप्स को मिलेगा ग्लोबल मंच

वाराणसी में यूएई-भारत सीईपीए काउंसिल और बीएचयू के अटल इनक्यूबेशन सेंटर के बीच हुए समझौते से स्टार्टअप्स को मिलेगा वैश्विक मंच, नवाचार और उद्यमिता को मिलेगा बढ़ावा।

Sat, 19 Jul 2025 15:00:34 - By : Uday Kumar

वाराणसी: भारत और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के बीच नवाचार और उद्यमिता के क्षेत्र में सहयोग के एक नए अध्याय की शुरुआत हुई है। शुक्रवार को वाराणसी में यूएई-भारत सीईपीए काउंसिल (UICC) और काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) के प्रतिष्ठित अटल इनक्यूबेशन सेंटर के बीच एक महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए। यह साझेदारी न केवल दोनों देशों के आर्थिक संबंधों को मजबूती देगी, बल्कि वाराणसी और पूर्वी उत्तर प्रदेश के युवा उद्यमियों और स्टार्टअप्स के लिए वैश्विक संभावनाओं के द्वार भी खोलेगी।

यह ऐतिहासिक समझौता BHU के प्रबंध शास्त्र संस्थान में आयोजित एक भव्य स्टार्ट-अप शोकेस के दौरान हुआ। इस एमओयू पर यूएई-भारत सीईपीए काउंसिल के निदेशक, श्री अहमद अलजनेबी, और अटल इनक्यूबेशन सेंटर के प्रभारी प्रोफेसर, पी.वी. राजीव ने हस्ताक्षर किए। यह कार्यक्रम भारत-यूएई इनोवेशन डिप्लोमेसी में एक मील का पत्थर साबित हुआ, जिसने यह स्पष्ट कर दिया है कि भारत में नवाचार अब केवल महानगरों तक सीमित नहीं है, बल्कि वाराणसी जैसे शहर भी इस क्रांति के प्रमुख केंद्र बनकर उभर रहे हैं। UICC ने भी इस मंच से भारत के टियर-2 और टियर-3 शहरों के साथ अपने सहयोग का विस्तार करने की अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया। इस रणनीतिक साझेदारी का मुख्य उद्देश्य युवा उद्यमियों द्वारा चलाए जा रहे और प्रौद्योगिकी पर आधारित स्टार्टअप्स को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आगे बढ़ने में मदद करना है। इसके तहत ज्ञान, विशेषज्ञता और संस्थागत संबंधों को साझा किया जाएगा, जिससे पूर्वी भारत के स्टार्टअप्स को यूएई के विशाल बाजार में स्थापित होने का सुनहरा अवसर मिलेगा।

कार्यक्रम के दौरान, युवा उद्यमियों को यूएई-भारत स्टार्ट-अप सीरीज के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई, जो UICC की एक बेहद महत्वाकांक्षी पहल है। इस सीरीज के तहत चुने गए भारतीय स्टार्टअप्स को यूएई में एक ऑल-इनक्लूसिव 'सॉफ्ट-लैंडिंग पैकेज' प्रदान किया जाएगा। इस पैकेज में इनक्यूबेशन सपोर्ट, यूएई में बिजनेस लाइसेंस हासिल करने की तेज प्रक्रिया, अनुभवी मेंटर्स का मार्गदर्शन और यूएई के बड़े निवेशकों और इनोवेशन नेटवर्क तक सीधी पहुंच शामिल है। यह पहल भारतीय स्टार्टअप्स को बिना किसी शुरुआती बाधा के अपने आइडिया को वैश्विक बाजार में ले जाने का एक अनूठा अवसर प्रदान करती है। अटल इनक्यूबेशन सेंटर (AIC-MFIE-IM-BHU), जो भारत सरकार के नीति आयोग के अटल इनोवेशन मिशन के तहत स्थापित है, इस कार्यक्रम में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। यह सेंटर अपने स्टार्टअप्स को यूएई के इनक्यूबेशन प्रोग्राम, निवेशक नेटवर्क और मेंटरशिप का लाभ उठाने में सीधे तौर पर मदद करेगा।

इस अवसर पर बोलते हुए, यूएई-भारत सीईपीए काउंसिल के निदेशक श्री अहमद अलजनेबी ने कहा, "यूएई-भारत सीईपीए स्टार्ट-अप सीरीज सिर्फ अवसर प्रदान नहीं कर रही है, बल्कि यह भारत के उभरते उद्यमियों के लिए वैश्विक मंच पर अपनी छाप छोड़ने का एक मजबूत मार्ग तैयार कर रही है। हम वाराणसी जैसे शहरों की ऊर्जा और क्षमता को सलाम करते हैं और यहां के इनोवेटर्स के साथ मिलकर काम करने के लिए उत्साहित हैं।" वहीं, प्रोफेसर पी.वी. राजीव ने इस साझेदारी को संस्थान और पूरे वाराणसी के उद्यमी समुदाय के लिए एक ऐतिहासिक क्षण बताया। उन्होंने कहा, "यह एमओयू हमारे छात्रों और उद्यमियों को वैश्विक स्तर की शिक्षा, मेंटरशिप और बाजार तक पहुंच प्रदान करेगा, जिससे वे दुनिया के किसी भी कोने में प्रतिस्पर्धा करने में सक्षम होंगे।"

इस प्रतिष्ठित कार्यक्रम में प्रबंध शास्त्र संस्थान, BHU के निदेशक प्रोफेसर आशीष बाजपेयी, संकाय प्रमुख प्रोफेसर एस.के. दुबे, और AIC-MFIE-IM-BHU के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी डॉ. नंद लाल सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। भारत में यूएई दूतावास से लातिएटा ब्रूस वैरीरी, शंभावी सिंह और अभिषेक रंजन की उपस्थिति ने इस कार्यक्रम को और भी खास बना दिया। कार्यक्रम के अंत में एक इंटरैक्टिव प्रश्नोत्तरी सत्र का आयोजन किया गया, जहां श्री अहमद अलजनेबी ने छात्रों और स्टार्टअप संस्थापकों के सवालों के जवाब दिए और उन्हें आवेदन प्रक्रिया के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की। अभिषेक मौर्य, मृत्युंजय सिंह, दिव्यांशु नंदा और अमित राय जैसे कई युवा उद्यमियों की उत्साहपूर्ण भागीदारी ने इस आयोजन की सफलता को प्रमाणित किया।

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