Sun, 02 Nov 2025 12:25:17 - By : Palak Yadav
वाराणसी: बाबा विश्वनाथ के दरबार में शनिवार का दिन भक्ति और आध्यात्मिक उल्लास से सराबोर रहा। भारत राष्ट्र के सुख, समृद्धि और विश्व कल्याण के संकल्प के साथ श्री काशी विश्वनाथ मंदिर प्रांगण में आयोजित नौ दिवसीय धार्मिक अनुष्ठान यज्ञो वै विष्णुः कार्यक्रम के अंतर्गत आज महायज्ञ की पूर्णाहुति की गई। इस अवसर पर भक्तों की आस्था का अनोखा प्रतीक देखने को मिला, जब बाबा को स्वर्ण नाग समर्पित किया गया। सोने का यह नाग श्रद्धा और भक्ति का प्रतीक बन गया है, जिसने भक्तों के बीच विशेष आकर्षण और उत्साह पैदा कर दिया है।
कार्यक्रम का संयोजन और नेतृत्व मुख्य आचार्य पंडित जगन्नाथ शास्त्री ने किया। पूर्णाहुति के समय मंदिर परिसर में वैदिक मंत्रोच्चार की गूंज से वातावरण पवित्र हो उठा। समारोह में श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी विश्वभूषण मिश्रा, एसडीएम डॉ. शंभू शरण, धर्म मार्ग प्रचारक राधा मनोहर दास, आंध्रा आश्रम के ट्रस्टी वी वी सुंदर शास्त्री, चेल्ला सुब्बा राव, मीडिया संयोजक चक्रवर्ती विजय नावड, एन वेंकटेश सहित अनेक गणमान्य लोग उपस्थित थे।
महायज्ञ की पूर्णाहुति के उपरांत गाजे-बाजे और वैदिक मंत्रों के साथ शोभायात्रा निकाली गई। श्रद्धालु स्वर्ण नाग को लेकर पंडित जगन्नाथ शास्त्री के नेतृत्व में मंदिर के मुख्य परिसर पहुंचे, जहां उन्होंने मुख्य कार्यपालक अधिकारी विश्वभूषण मिश्रा को स्वर्ण नाग समर्पित किया। स्वर्ण नाग के इस समर्पण को बाबा के प्रति गहरी श्रद्धा और भक्ति की भावना का प्रतीक बताया जा रहा है। इसके साथ ही भक्तों को इस पवित्र क्षण का साक्षी बनने का नया आध्यात्मिक अनुभव मिला।
कार्यक्रम के मीडिया संयोजक चक्रवर्ती विजय नावड ने बताया कि इससे पूर्व त्र्यंबकेश्वर हाल में श्री रुक्मिणी-कृष्ण कल्याण उत्सव का आयोजन किया गया था। इस अवसर पर कार्यक्रम संयोजक एवं मुख्य आचार्य पंडित जगन्नाथ शास्त्री ने चिंतामणि गणेश मंदिर के महंत चेल्ला सुब्बाराव, चेल्ला जगन्नाथ शास्त्री, चेल्ला विजय कुमार शास्त्री, रानी धवला और चक्रवर्ती विजय नावड सहित विशिष्ट अतिथियों को अंगवस्त्रम और स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया।
धार्मिक अनुष्ठानों के दौरान पंडित नोरी कल्याण सुंदर और ब्रह्मश्री नोरी सुब्रमण्यम शास्त्री की देखरेख में श्री चक्रनवावरण की सामूहिक अर्चना की गई। इसके साथ ही प्रताप शर्मा के नेतृत्व में वेद की सभी शाखाओं को समर्पित 16 शिवलिंगों का वैदिक मंत्रोच्चार के साथ अभिषेक संपन्न हुआ।
कार्यक्रम में प्रमुख रूप से पुष्पगिरि पीठाधिपति एवं जगद्गुरु श्री श्री अभिनवोद्दंड विद्या शंकर भारती स्वामी, आंध्रा आश्रम के ट्रस्टी वी वी सुंदर शास्त्री, ईवानि वेंकटरामचंद्र सोमयाजी घनपाठी, श्री द्रोण मधु बाबू शर्मा, कांची मठ के प्रबंधक वी सुब्रमण्यम मणि, श्रृंगेरी मठ के प्रबंधक चेल्ला अन्नपूर्णा प्रसाद, केदारेश्वर महादेव मंदिर के मुख्य अर्चक पंडित नारायण शास्त्री, श्री अमृतानंद स्वामी, विश्वनाथजी, एन वेंकटेशम और विशालाक्षी जगन्नाथ सहित अनेक संत, विद्वान और श्रद्धालु मौजूद रहे।
कार्यक्रम के दौरान सुरक्षा की दृष्टि से विशेष व्यवस्था की गई थी। पुलिस और मंदिर प्रशासन ने संयुक्त रूप से पूरी सतर्कता बरती, ताकि श्रद्धालु सुचारु रूप से दर्शन और पूजा का लाभ उठा सकें।
स्वर्ण नाग समर्पण के इस अद्भुत आयोजन ने न केवल श्रद्धालुओं को नई आध्यात्मिक अनुभूति दी, बल्कि काशी विश्वनाथ मंदिर की परंपरा में एक और ऐतिहासिक अध्याय जोड़ दिया।