Sat, 20 Sep 2025 19:47:04 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA
वाराणसी: शहर में अधिवक्ताओं और पुलिस के बीच चल रहा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। स्थिति यह है कि कचहरी परिसर लगातार विरोध-प्रदर्शन का केंद्र बना हुआ है। शनिवार को अधिवक्ताओं ने विरोध दर्ज कराने का एक अलग तरीका अपनाया। सैकड़ों अधिवक्ता कचहरी पहुंचे और हाथों में हथकड़ी पहनकर तथा काली पट्टी बांधकर पुलिस की कार्रवाई का विरोध किया।
अधिवक्ताओं का कहना है कि पुलिस ने उनके खिलाफ फर्जी एफआईआर दर्ज की है और न्यायिक कार्य में जानबूझकर बाधा डाली जा रही है। इस कार्रवाई को लेकर अधिवक्ता समुदाय बेहद नाराज है। उन्होंने एकजुट होकर नारेबाजी की और साफ शब्दों में कहा कि जब तक झूठे मुकदमों को वापस नहीं लिया जाता, तब तक आंदोलन और तेज किया जाएगा।
प्रदर्शन में शामिल अधिवक्ता विकास सिंह ने कहा कि पुलिस द्वारा जिस तरह से अधिवक्ताओं पर फर्जी मुकदमे दर्ज किए गए और गिरफ्तारी की बात कही जा रही है, वह बेहद निंदनीय है। उन्होंने कहा, "हम सब डरने वाले नहीं हैं। आज हमने सांकेतिक रूप से हाथों में हथकड़ी पहनकर और काली पट्टी बांधकर विरोध दर्ज किया है। यदि पुलिस चाहे तो हमें जेल भेज दे, हम तैयार हैं।"
कचहरी परिसर में हुए इस प्रदर्शन के दौरान 'अधिवक्ता एकता जिंदाबाद' के नारों से पूरा इलाका गूंज उठा। अधिवक्ता समुदाय ने एक स्वर में कहा कि यदि पुलिस प्रशासन ने जल्द ही एफआईआर वापस नहीं ली, तो संघर्ष की अगली रणनीति और उग्र होगी।
प्रदर्शन में अधिवक्ता सुनील मिश्रा, शैलेंद्र सिंह पटेल, पंकज उपाध्याय, अमनदीप सिंह, दीपक उपाध्याय, अभिषेक चौबे, अमित यादव, जुनैद जाफरी समेत बड़ी संख्या में वकील शामिल रहे। सभी ने एकजुटता का परिचय देते हुए कहा कि यह लड़ाई सिर्फ व्यक्तिगत सम्मान की नहीं, बल्कि अधिवक्ता समाज की गरिमा और न्यायिक व्यवस्था की रक्षा की है।
अधिवक्ताओं के इस अनोखे विरोध ने न केवल कचहरी परिसर बल्कि पूरे शहर में चर्चा का विषय बना दिया है। अब सबकी नजर प्रशासन की अगली कार्रवाई और अधिवक्ताओं की आगामी रणनीति पर टिकी हुई है।