Thu, 21 Aug 2025 20:34:40 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA
वाराणसी: राजातालाब/लंबे समय से न्यायिक तहसीलदार के खिलाफ आंदोलनरत अधिवक्ताओं को आखिरकार उनकी मेहनत का परिणाम मिल गया। लगातार 44 दिनों से तहसील परिसर में धरने पर बैठे अधिवक्ताओं ने गुरुवार को जिलाधिकारी द्वारा नायब तहसीलदार महेश प्रताप सिंह का स्थानांतरण किए जाने की घोषणा के बाद अपना आंदोलन समाप्त कर दिया। इस फैसले से अधिवक्ताओं में खुशी की लहर दौड़ पड़ी और उन्होंने एक-दूसरे को मिठाई खिलाकर जीत का जश्न मनाया।
संयुक्त सचिव प्रशासन मंत्री राजकुमार यादव, अधिवक्ता ने बताया कि अधिवक्ताओं की लगातार शिकायतों और धरना प्रदर्शन का ही असर है कि जिलाधिकारी ने यह निर्णय लिया। उन्होंने कहा कि यह लड़ाई अधिवक्ताओं की एकता और न्याय के लिए प्रतिबद्धता का परिणाम है। अधिवक्ताओं का आरोप था कि न्यायिक तहसीलदार के कार्यकाल में भ्रष्टाचार और अनियमितताओं की शिकायतें लगातार बढ़ रही थीं, जिसके खिलाफ उन्होंने आवाज उठाई थी।
धरना समाप्त होने के मौके पर अधिवक्ता संघ के कई पदाधिकारी मौजूद रहे। वर्तमान अध्यक्ष चंद्रशेखर उपाध्याय, महामंत्री अमित कुमार सिंह पटेल, संयुक्त सचिव प्रशासन मंत्री राजकुमार यादव, पूर्व अध्यक्ष सुनील सिंह, सर्वजीत भारद्वाज समेत अन्य अधिवक्ता जश्न में शामिल हुए। इस दौरान एक-दूसरे को मिठाई खिलाकर आंदोलन की सफलता का जश्न मनाया गया।
इस पूरे संघर्ष में दी सेंट्रल बार एसोसिएशन वाराणसी एवं दी बनारस बार एसोसिएशन का भी अहम योगदान रहा। दोनों संस्थाओं के अध्यक्ष और महामंत्रियों ने अधिवक्ताओं की लड़ाई को मजबूती प्रदान की और प्रशासन तक उनकी आवाज पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
अधिवक्ताओं का कहना है कि उनका आंदोलन न्याय और पारदर्शिता की स्थापना के लिए था, और यह फैसला अधिवक्ता समाज की सामूहिक जीत है। उन्होंने साफ किया कि अगर भविष्य में भी किसी प्रकार की अनियमितता या भ्रष्टाचार होगा तो अधिवक्ता एकजुट होकर फिर संघर्ष करेंगे।