Tue, 21 Oct 2025 11:31:34 - By : Shriti Chatterjee
वाराणसी में दीपावली के पावन अवसर पर मुस्लिम महिलाओं ने श्रीराम की आरती उतारकर समाज में प्रेम और सौहार्द का संदेश दिया। यह आयोजन पिछले 20 वर्षों से लगातार किया जा रहा है और इस बार भी मुस्लिम महिला फाउंडेशन की सदर नाजनीन अंसारी ने आरती की अगुवाई की।
कार्यक्रम में सैकड़ों मुस्लिम महिलाएं विशाल भारत संस्था के प्रांगण में एकत्रित हुईं। उन्होंने श्रीराम की प्रतिमा को फूलों से सजाया और दीप जलाकर आरती की। महिलाओं ने थाली में सजावटी दीप, रोरी और अक्षत के साथ मिठाई रखी। नाजनीन अंसारी ने बताया कि यह परंपरा भगवान श्रीराम के आगमन और उनकी पूजा की सांस्कृतिक विरासत को याद रखने का तरीका है।
आरती के दौरान महिलाएं यह संदेश दे रही थीं कि धार्मिक असहमति या कट्टरपंथ के विचार हमें रोक नहीं सकते। नाजनीन ने कहा कि कट्टरपंथियों को लगता है कि मुस्लिम समुदाय उनके विचारों का गुलाम है, लेकिन हम अपने पूर्वजों और सांस्कृतिक विरासत के प्रति गर्व महसूस करते हैं। उन्होंने यह भी बताया कि आरती उतारने का मतलब यह है कि हम सभी को प्रेम, शांति और सौहार्द के मार्ग पर चलना चाहिए।
इस मौके पर जगतगुरु बाबा बालक दास ने कहा कि यह आयोजन जीवन को प्रकाशमय बनाने और समाज में एकता का संदेश फैलाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने जोर देकर कहा कि भगवान श्रीराम सभी के आराध्य हैं और हमें जीवन को शांतिपूर्वक और सौहार्दपूर्ण तरीके से जीने के लिए उनके मार्ग का अनुसरण करना चाहिए।
कार्यक्रम में उपस्थित राजीव ने कहा कि श्रीराम का आगमन केवल धार्मिक उत्सव नहीं बल्कि समाज में शांति, प्यार, एकजुटता और परोपकार का प्रतीक है। मुस्लिम महिलाएं यह संदेश दे रही हैं कि धर्म अलग हो सकता है, लेकिन प्रेम और सम्मान की भावना सभी में समान है। उन्होंने यह भी कहा कि वाराणसी से यह प्रयास पूरे देश और दुनिया में नफरत को समाप्त करने का संदेश देता है।
इस आयोजन से यह स्पष्ट हुआ कि सांस्कृतिक और धार्मिक सीमाएं प्रेम और सम्मान की भावना के सामने फीकी पड़ जाती हैं। मुस्लिम महिला फाउंडेशन की यह पहल लगातार 20 वर्षों से समाज में सहिष्णुता और सौहार्द का संदेश फैलाती रही है।