Tue, 23 Sep 2025 10:58:45 - By : Shriti Chatterjee
वाराणसी में नवरात्रि का पर्व पूरे उल्लास और आस्था के साथ मनाया जा रहा है। आज दूसरे दिन माता भगवती ब्रह्मचारिणी की पूजा और दर्शन का विशेष महत्व रहा। दुर्गा घाट स्थित प्राचीन मंदिर में सुबह से ही भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा। पूरे परिसर में मां शेरावाली के जयकारों की गूंज रही और श्रद्धालु लंबी कतारों में खड़े होकर दर्शन के लिए इंतजार करते नजर आए। भक्तों ने मां को पंचमेवा का भोग अर्पित किया और अपनी मनोकामनाओं के साथ पूजा में शामिल हुए।
मंदिर के महंत ने बताया कि मां ब्रह्मचारिणी की आराधना विशेष रूप से शिक्षा से जुड़े लोगों के लिए शुभ मानी जाती है। उनका कहना है कि पढ़ाई में कमजोर विद्यार्थी भी माता की कृपा से सफलता प्राप्त कर सकते हैं। इसलिए बड़ी संख्या में छात्र और अभिभावक मंदिर पहुंचकर देवी का आशीर्वाद ले रहे हैं।
इसी अवसर पर काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास की ओर से इस वर्ष भी एक विशेष परंपरा निभाई जा रही है। मुख्य कार्यपालक अधिकारी विश्वभूषण मिश्र ने जानकारी दी कि पिछले साल से शुरू हुए नवाचार के तहत भगवान विश्वेश्वर की ओर से नौ दुर्गा को शृंगार सामग्री भेजी जाती रही है। इस बार इसमें विस्तार करते हुए दस महाविद्याओं की देवियों को भी शृंगार सामग्रियां भेजी जाएंगी। यह परंपरा देवी शक्ति के सम्मान और श्रद्धा की प्रतीक मानी जा रही है।
नवरात्र को शिव और शक्ति का उत्सव बताते हुए उन्होंने कहा कि शारदीय नवरात्र में पूजी जाने वाली माता शैलपुत्री, मां ब्रह्मचारिणी, मां चंद्रघंटा, मां कूष्मांडा, मां स्कंदमाता, मां कात्यायनी, मां कालरात्रि, मां महागौरी और मां सिद्धिदात्री सहित शहर के नव गौरी मंदिरों तक यह सामग्री पहुंचाई जाएगी। इसके साथ ही दस महाविद्याओं की देवियां काली, तारा, त्रिपुर सुंदरी, भुवनेश्वरी, भैरवी, छिन्नमस्ता, धूमावती, बगलामुखी, मातंगी और कमलात्मिका भी इसमें शामिल होंगी।
पूरे नवरात्रि पर्व में विश्वनाथ धाम में विशेष पूजा अर्चना और धार्मिक आयोजन किए जाएंगे। मंदिर प्रशासन ने बताया कि भक्तों की सुविधा के लिए पर्याप्त इंतजाम किए गए हैं ताकि श्रद्धालु शांतिपूर्ण और सुव्यवस्थित तरीके से दर्शन कर सकें। वाराणसी की गलियों से लेकर घाटों तक देवी भक्ति का माहौल है और श्रद्धा तथा आस्था का संगम पूरे शहर में देखा जा रहा है।