वाराणसी: पीएसी आरक्षी ने आम के पेड़ पर लगाई फांसी,पुलिस कर रही है जांच

वाराणसी के कैथी गांव में 20वीं बटालियन पीएसी आज़मगढ़ में तैनात मुख्य आरक्षी सुरेश यादव ने आम के पेड़ से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली, कारण अज्ञात है।

Sun, 13 Jul 2025 09:53:33 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA

वाराणसी: चौबेपुर थाना क्षेत्र के कैथी गांव में उस वक्त सनसनी फैल गई जब स्थानीय लोगों ने देखा कि गांव के ही एक आम के पेड़ पर किसी व्यक्ति का शव लटका हुआ है। घटना शनिवार दोपहर करीब 12 बजे की है, जब 20वीं बटालियन पीएसी, आज़मगढ़ में तैनात मुख्य आरक्षी सुरेश यादव (53) ने अपने ही गांव कैथी बारी में आम के पेड़ से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। यह ख़बर पूरे गांव में जंगल की आग की तरह फैल गई, और थोड़ी ही देर में घटनास्थल पर ग्रामीणों की भीड़ जमा हो गई।

सुरेश यादव, जो कि स्व. देवनाथ यादव के पुत्र थे, कुछ दिनों पूर्व ही अवकाश पर अपने गांव लौटे थे। परिवार, रिश्तेदार और आसपास के लोग उन्हें एक जिम्मेदार, अनुशासित और शांत स्वभाव के व्यक्ति के रूप में जानते थे। किसी को इस बात की भनक तक नहीं थी कि वह किसी आंतरिक संघर्ष से गुजर रहे हैं। शनिवार की दोपहर वे घर से निकले, और कुछ ही समय बाद उनका शव गांव के एक पुराने आम के पेड़ से लटकता मिला। इस अप्रत्याशित घटना ने न केवल परिवार को गहरे शोक में डाल दिया, बल्कि पूरे गांव को भी हिला कर रख दिया।

सूचना मिलने पर चौबेपुर पुलिस तत्काल मौके पर पहुंची और घटनास्थल की बारीकी से जांच शुरू की। शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए शिवपुर भेजा गया है। साथ ही फील्ड यूनिट को भी मौके पर बुलाया गया ताकि तकनीकी पहलुओं की गहन पड़ताल की जा सके। पुलिस की प्राथमिक जांच में फिलहाल ऐसा कोई सुसाइड नोट या अन्य सुराग नहीं मिला है, जिससे आत्महत्या के पीछे के कारण का खुलासा हो सके।

पुलिस अधिकारी यह भी पता लगाने में जुटे हैं कि क्या सुरेश यादव किसी मानसिक तनाव या पारिवारिक, सामाजिक या पेशेवर दबाव से जूझ रहे थे। उनके मोबाइल और व्यक्तिगत वस्तुओं की जांच की जा रही है ताकि आत्महत्या के पीछे की वजह को समझा जा सके। परिजन अभी गहरे सदमे में हैं और उन्होंने कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी है कि सुरेश हाल के दिनों में किसी परेशानी से गुजर रहे थे या नहीं।

स्थानीय लोगों के अनुसार सुरेश यादव एक सरल और समर्पित पुलिसकर्मी थे। उनका इस तरह अचानक और रहस्यमय ढंग से दुनिया को छोड़ जाना सभी के लिए चौंकाने वाला है। गांव के बुजुर्गों और युवाओं से लेकर उनके सहकर्मी तक, हर कोई इस घटना को समझने की कोशिश कर रहा है, लेकिन जवाब अभी किसी के पास नहीं है।

फिलहाल पुलिस पूरे मामले की हर पहलू से जांच कर रही है। आत्महत्या की वजह चाहे मानसिक दबाव हो या कोई और निजी कारण, यह घटना एक गंभीर सवाल छोड़ गई है कि समाज में लगातार बढ़ते मानसिक तनाव और आंतरिक पीड़ा को कैसे पहचाना और समय रहते कैसे रोका जाए।

शव का पोस्टमार्टम रिपोर्ट और आगे की जांच के बाद ही यह स्पष्ट हो पाएगा कि आखिर एक अनुशासित, जिम्मेदार और वर्षों से सेवा दे रहे पुलिसकर्मी ने ऐसा कठोर कदम क्यों उठाया। वाराणसी के चौबेपुर से लेकर आजमगढ़ की पीएसी बटालियन तक, हर ओर शोक की लहर है। इस असमय मौत ने एक बार फिर सुरक्षा बलों की आंतरिक स्थितियों पर भी सोचने को मजबूर कर दिया है।

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