Thu, 04 Sep 2025 07:35:04 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA
वाराणसी: रोहनिया थाना क्षेत्र में गुरुवार की आधी रात पुलिस ने अवैध कॉल सेंटर पर छापेमारी कर बड़ा खुलासा किया। साइबर टीम से मिले इनपुट पर एडीसीपी और स्थानीय पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए कॉल सेंटर को घेर लिया और मौके से 30 से अधिक युवक-युवतियों को हिरासत में ले लिया। पुलिस ने सभी कंप्यूटर, लैपटॉप और मोबाइल फोन जब्त कर लिए हैं। शुरुआती जांच में सामने आया है कि इस कॉल सेंटर के जरिए देश और विदेश में लोगों को टारगेट कर साइबर धोखाधड़ी की जा रही थी।
छापेमारी की सूचना मिलते ही इलाके में अफरा-तफरी मच गई। देर रात पुलिस की कई गाड़ियां रोहनिया क्षेत्र के अखरी स्थित एक कॉलोनी में पहुंचीं तो स्थानीय लोग भी घरों से बाहर निकल आए। पुलिस टीम सीधे उस मकान के दूसरे तल पर पहुंची, जहां कॉल सेंटर संचालित हो रहा था। दरवाजा खोलते ही अंदर का नजारा चौंकाने वाला था। हॉल और केबिन में दर्जनों युवक-युवतियां अलग-अलग डेस्क पर बैठकर फोन कॉलिंग कर रहे थे। पुलिस ने सभी को तत्काल रोककर एक जगह इकट्ठा किया और उनके इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को सीज कर लिया।
साइबर क्राइम टीम की जांच में पता चला कि यह कॉल सेंटर लोगों को ठगने के लिए एक संगठित तरीके से काम कर रहा था। यहां से अलग-अलग राज्यों के साथ-साथ विदेशों में भी फर्जी कॉल किए जा रहे थे। ठगी का तरीका भी बेहद चालाकी भरा था। किसी को निवेश के नाम पर लुभाया जा रहा था तो किसी को लोन या इंश्योरेंस के ऑफर दिए जा रहे थे। कई मामलों में पार्सल डिलीवरी का झांसा देकर भी लोगों से ठगी की जाती थी।
पुलिस के अनुसार, कॉल सेंटर संचालित करने वाले दो मैनेजर शहर के ही रहने वाले हैं। इन्हीं के निर्देश पर कॉलिंग स्टाफ रोजाना काम करता था। दोनों मैनेजर नॉर्थ ईस्ट और कोलकाता के युवकों के साथ स्थानीय युवक-युवतियों को भी इस काम में शामिल कर रहे थे। हिरासत में लिए गए लोगों ने स्वीकार किया कि उन्हें हर दिन टास्क दिया जाता था और कॉल करने के लिए डाटा उपलब्ध कराया जाता था।
जांच में यह भी सामने आया कि ठगे गए पैसों का लेन-देन हवाला नेटवर्क के जरिए किया जा रहा था। सिस्टम से मिले डिजिटल रिकॉर्ड्स में कई विदेशी खातों तक ट्रांजैक्शन का सुराग मिला है। पुलिस अब इस पूरे नेटवर्क की कड़ियों को खंगालने में जुट गई है।
डीसीपी प्रमोद कुमार ने बताया कि अब तक की जांच में साफ हो गया है कि यह कॉल सेंटर बड़े स्तर पर साइबर फ्रॉड कर रहा था। हिरासत में लिए गए सभी युवक-युवतियां कॉलिंग स्टाफ हैं। इनके ऊपर दो मैनेजर थे जो उन्हें डेटा और निर्देश देते थे। मौके से जब्त कंप्यूटर और मोबाइल में ठगी के स्पष्ट सबूत मिले हैं।
पुलिस ने फिलहाल सभी 30 से अधिक युवक-युवतियों को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है। इनमें कुछ महिलाएं भी शामिल हैं, जिनकी भूमिका को लेकर जांच जारी है। वहीं कॉल सेंटर चलाने वाले दोनों मुख्य संचालकों की तलाश तेज कर दी गई है।
वाराणसी पुलिस की इस कार्रवाई को साइबर अपराध के खिलाफ बड़ी सफलता माना जा रहा है। बीते कुछ समय से शहर और आसपास के इलाकों में फर्जी कॉल सेंटर के जरिए लोगों से ठगी की शिकायतें मिल रही थीं। अब इस कार्रवाई के बाद पुलिस को उम्मीद है कि इस नेटवर्क के कई और सिरों तक भी पहुंचा जा सकेगा।