Tue, 25 Nov 2025 15:40:21 - By : Palak Yadav
वाराणसी के पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल ने मंगलवार को कैम्प कार्यालय में जनसुनवाई समाधान प्रणाली आईजीआरएस की विस्तृत समीक्षा की। इस समीक्षा का उद्देश्य पोर्टल पर दर्ज प्रार्थना पत्रों, शिकायतों के निस्तारण की स्थिति, जांच की प्रगति और शासन स्तर से प्राप्त फीडबैक का गहन मूल्यांकन करना था। बैठक में सामने आए तथ्यों ने पुलिस विभाग में शिकायतों के समाधान को लेकर कई महत्वपूर्ण खामियां उजागर कीं, जिन्हें आयुक्त ने गंभीरता से लेते हुए तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए। समीक्षा में पाया गया कि कई मामलों में जांच अधिकारी शिकायतकर्ताओं से संपर्क किए बिना ही रिपोर्ट अपलोड कर रहे थे और इससे शिकायतों के समाधान की गुणवत्ता पर सीधा प्रभाव पड़ रहा था।
समीक्षा के दौरान यह भी सामने आया कि अक्टूबर माह की आईजीआरएस रैंकिंग में कई मामलों में उप निरीक्षकों ने पांच से अधिक शिकायतों पर वादी से वार्ता ही नहीं की। बिना संपर्क के अपलोड की गई इन रिपोर्टों पर शिकायतकर्ताओं की ओर से निगेटिव फीडबैक मिला, जिससे न केवल मामलों का सही निस्तारण प्रभावित हुआ बल्कि जनपद की रैंकिंग पर भी प्रतिकूल असर पड़ा। पुलिस आयुक्त ने इस आचरण को कर्तव्यहीनता और सेवा भावना के विपरीत बताया। उन्होंने कहा कि शिकायतकर्ताओं से संपर्क न करना और उनके मुद्दों पर सही तरीके से ध्यान न देना पुलिस की विश्वसनीयता को नुकसान पहुंचाता है और यह स्थिति किसी भी तरह स्वीकार्य नहीं है।
पुलिस आयुक्त ने ऐसे कुल 25 उप निरीक्षकों को चिन्हित किया है जिन्होंने शिकायतकर्ताओं से संपर्क न करने जैसी गंभीर त्रुटि की है। इन सभी के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई के निर्देश जारी किए गए हैं। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि जनहित से जुड़े मामलों में लापरवाही को किसी भी स्तर पर सहन नहीं किया जाएगा। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि सभी शिकायतों की जांच में पारदर्शिता और तत्परता अनिवार्य रूप से बरती जाए और हर वादी से बातचीत कर सही जानकारी जुटाई जाए ताकि समाधान प्रभावी हो और जनता का पुलिस पर भरोसा बना रहे।
मोहित अग्रवाल ने यह भी कहा कि आईजीआरएस पोर्टल की रैंकिंग केवल आंकड़ा मात्र नहीं है बल्कि यह जनता की संतुष्टि और पुलिस की जिम्मेदारी के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाती है। इसलिए किसी प्रकार की लापरवाही से पुलिस की छवि को नुकसान पहुंचाने वालों पर सख्त कार्रवाई जारी रहेगी। उन्होंने विभाग में यह संदेश भी स्पष्ट रूप से दिया है कि शिकायतों के निस्तारण में देरी, संवादहीनता और औपचारिकता के आधार पर तैयार की गई रिपोर्टों को किसी भी स्थिति में स्वीकार नहीं किया जाएगा। पुलिस प्रशासन अपनी जिम्मेदारियों को निभाने के लिए पूरी तरह सजग है और जनहित में कार्य करने के लिए प्रतिबद्ध है।