Mon, 28 Jul 2025 11:09:52 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA
वाराणसी: कमिश्नरेट पुलिस ने शहर में अवैध गतिविधियों पर प्रभावी रोक लगाने और त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करने के उद्देश्य से एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। अब दो अलग-अलग विशेष ऑपरेशन ग्रुप (SOG) टीमों के जरिये अपराध पर कड़ा प्रहार किया जाएगा। इस क्रम में "एसओजी-2" नामक एक नई टीम का गठन किया गया है, जिसे विशेष रूप से सामाजिक अपराधों जैसे जुआ, सट्टा, अनैतिक कार्य, अवैध हुक्काबार संचालन और मादक पदार्थों की बिक्री की निगरानी और नियंत्रण की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
इस नई व्यवस्था की जानकारी पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल ने कैंप कार्यालय पर वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ आयोजित एक बैठक में दी। उन्होंने स्पष्ट रूप से निर्देशित किया कि एसओजी-2 को वाराणसी के विभिन्न इलाकों में संचालित हो रहे ऐसे गैरकानूनी गतिविधियों पर विशेष निगरानी रखनी होगी और समय रहते कठोर कार्रवाई करनी होगी। इस टीम को पूरी स्वतंत्रता और आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराए जा रहे हैं ताकि कार्रवाई में किसी भी तरह की ढिलाई न बरती जाए।
बैठक के दौरान यह भी तय किया गया कि पूर्व में गठित विशेष ऑपरेशन ग्रुप अब “एसओजी-1” के नाम से जानी जाएगी, और इसका मुख्य फोकस संगठित आपराधिक गतिविधियों पर रहेगा। इसमें लूट, डकैती, चोरी, नकबजनी, वांछित और पुरस्कार घोषित अपराधियों की गिरफ्तारी और बड़े आपराधिक मामलों के खुलासे का दायित्व होगा।
इस नई रणनीति के तहत एसओजी-2 टीम का गठन पुलिस की जमीनी पकड़ को और मजबूत करने की दिशा में एक गंभीर प्रयास माना जा रहा है। टीम में शामिल सदस्यों में उप निरीक्षक अभिषेक पांडेय, कांस्टेबल सचिन मिश्रा (थाना कैंट), कांस्टेबल अखिलेश कुमार गिरि (थाना सिगरा), और कांस्टेबल शैलेंद्र सिंह (थाना रामनगर) को चुना गया है। यह टीम क्षेत्रीय सूचनाओं के आधार पर त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करेगी और आम जनता की सुरक्षा एवं कानून-व्यवस्था बनाए रखने में अहम भूमिका निभाएगी।
इस बैठक में अपर पुलिस आयुक्त (कानून-व्यवस्था एवं मुख्यालय) शिवहरी मीणा के साथ सभी पुलिस उपायुक्त, अपर पुलिस उपायुक्त और सहायक पुलिस उपायुक्त भी मौजूद रहे। अधिकारियों ने संयुक्त रूप से तय किया कि दोनों एसओजी इकाइयों के कार्यों की नियमित समीक्षा होगी और परिणामों के आधार पर इनके दायित्वों को भविष्य में और अधिक सुदृढ़ किया जाएगा।
इस नए ढांचे से कमिश्नरेट वाराणसी को न केवल अपराध नियंत्रण में गति मिलेगी बल्कि समाज में भयमुक्त वातावरण स्थापित करने की दिशा में भी एक सशक्त संदेश जाएगा। पुलिस की यह पहल अपराध के खिलाफ लड़ाई में एक निर्णायक मोड़ साबित हो सकती है।