वाराणसी: पुलिस अस्पताल में एंटी करप्शन टीम का छापा, रिश्वत लेते कर्मचारी गिरफ्तार

वाराणसी में एंटी करप्शन टीम ने पुलिस अस्पताल में छापा मारकर एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी सेवालाल को 4500 रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया, जो सेवानिवृत्त कर्मचारी के बिल पास कराने के लिए मांगे गए थे।

Mon, 30 Jun 2025 18:19:09 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA

वाराणसी: शहर में भ्रष्टाचार के खिलाफ एक महत्वपूर्ण कार्रवाई करते हुए एंटी करप्शन टीम ने वाराणसी पुलिस लाइन स्थित पुलिस अस्पताल में तैनात एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। यह कार्रवाई उस वक्त अंजाम दी गई जब आरोपी सेवालाल, जो पुलिस अस्पताल में ओपी (अर्दली पीयून) के पद पर तैनात है, एक शिकायतकर्ता से रिश्वत की पहली किस्त के रूप में 4500 रुपये ले रहा था।

इस पूरे मामले की शुरुआत 28 जून 2025 को हुई, जब शिकायतकर्ता वेद प्रकाश राय, निवासी न्यू कॉलोनी तिलमापुर, आशापुर (थाना सारनाथ) ने एंटी करप्शन संगठन, वाराणसी कार्यालय में एक लिखित शिकायत दर्ज कराई। उन्होंने बताया कि उनके पिता राजेन्द्र प्रसाद राय वर्ष 2018 में उत्तर प्रदेश फायर सर्विस से सेवानिवृत्त हुए थे। सेवानिवृत्ति के बाद उनके पिता की तबीयत लगातार खराब रहने लगी, जिसमें मधुमेह और किडनी से जुड़ी गंभीर समस्याएं शामिल थीं। उनके इलाज में जो खर्च आया, उसका 44,397 रुपये का बिल विभागीय दावा स्वरूप प्रस्तुत किया गया था, जिसे पास करवाने के एवज में पुलिस अस्पताल के ओपी सेवालाल द्वारा 5900 रुपये की रिश्वत की मांग की गई थी।

शिकायत की गंभीरता को देखते हुए एंटी करप्शन टीम ने उसकी तुरंत जांच की। जांच में शिकायत सही पाए जाने के बाद टीम ने एक सुनियोजित योजना के तहत सोमवार को शिकायतकर्ता के साथ मिलकर कार्रवाई को अंजाम दिया। योजना के अनुसार, टीम रिजर्व पुलिस लाइन के गेट नंबर 4 के पास पहुंची, जबकि शिकायतकर्ता को सेवालाल ने गेट नंबर 5 के पास बुलाया। वहां एक चाय की दुकान के पास जैसे ही सेवालाल ने शिकायतकर्ता से 4500 रुपये की पहली किस्त ली, टीम ने उसे रंगे हाथ पकड़ लिया।

सेवालाल के पास से 4500 रुपये की रासायनिक रूप से चिन्हित नोटें बरामद की गई हैं, जो इस बात का पुख्ता प्रमाण हैं कि रिश्वत की रकम ली गई थी। गिरफ्तारी के बाद आरोपी को तत्काल हिरासत में लेकर थाना लालपुर-पांडेयपुर ले जाया गया, जहां उसके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की सुसंगत धाराओं में मुकदमा दर्ज कर विधिक कार्रवाई शुरू की गई है।

इस कार्रवाई ने ना केवल पुलिस महकमे को झकझोर कर रख दिया है, बल्कि सरकारी अस्पतालों और विभागों में फैले उस भ्रष्टाचार की ओर भी इशारा किया है, जो आम नागरिकों के लिए न केवल अपमानजनक है, बल्कि उनके अधिकारों का सीधा हनन भी करता है। एंटी करप्शन टीम की तत्परता और निगरानी से एक बार फिर यह स्पष्ट हो गया है कि कोई भी सरकारी कर्मचारी यदि भ्रष्टाचार में लिप्त पाया गया तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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