Mon, 08 Sep 2025 11:40:06 - By : Garima Mishra
वाराणसी: पुलिस ने एक बार फिर साबित किया है कि तकनीक का सही इस्तेमाल अपराध नियंत्रण में कितना कारगर साबित हो सकता है। शहर की दशाश्वमेध और लंका थाना पुलिस ने सीईआईआर पोर्टल की मदद से सिर्फ एक सप्ताह में चोरी और गुमशुदा हुए 19 मोबाइल फोन बरामद कर लिए। इन मोबाइलों को न केवल वाराणसी से बल्कि बंगाल, भिलाई, कर्नाटक और महाराष्ट्र जैसे दूरदराज के राज्यों से भी ट्रैक कर पुलिस ने वापस मंगवाया। इनमें से कई मोबाइल फोन चोरी होने के बाद अन्य राज्यों में सक्रिय पाए गए, जिन्हें संबंधित व्यक्तियों ने ट्रेसिंग की जानकारी मिलने पर कूरियर के जरिए वापस भेज दिया।
सीईआईआर पोर्टल यानी सेंट्रल इक्विपमेंट आइडेंटिटी रजिस्टर, मोबाइल चोरी और गुमशुदगी की शिकायतों के लिए एक ऑनलाइन प्लेटफार्म है। इस पोर्टल पर दर्ज शिकायत सीधे संबंधित थानों तक पहुंचती है जिससे स्थानीय साइबर डेस्क तुरंत कार्रवाई शुरू कर देता है। यही कारण है कि हाल के दिनों में चोरी हुए मोबाइल की बरामदगी की संख्या तेजी से बढ़ रही है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि पहले इस तरह की निगरानी का काम सर्विलांस सेल के जरिए होता था, जिसमें लंबी प्रक्रिया से गुजरना पड़ता था। अब हर थाने में बनाए गए साइबर डेस्क सीधे पोर्टल से जुड़कर काम कर रहे हैं, जिससे मोबाइल बरामदगी की गति तेज हुई है।
दशाश्वमेध थाना प्रभारी विजय शुक्ला ने बताया कि उनकी टीम ने 14 मोबाइल सीईआईआर पोर्टल की मदद से बरामद किए। इनमें से 12 मोबाइल बंगाल, भिलाई, मुंबई और कर्नाटक जैसे राज्यों में सक्रिय थे। मोबाइल का लोकेशन और उपयोगकर्ता का पता चलने के बाद संबंधित लोगों को इसकी जानकारी दी गई। अधिकांश मामलों में मोबाइल धारकों ने सच्चाई स्वीकार की और कूरियर के माध्यम से मोबाइल वापस भेज दिए। बरामद मोबाइलों में एक गणेश महाल निवासी संजय सिंह का फोन भी शामिल है, जो दो साल पहले साउथ क्लब के पंडाल से चोरी हुआ था। इसी तरह गाजीपुर के देहवल निवासी का फोन, जो 10 जुलाई को नमो घाट से चोरी हुआ था, डेढ़ माह बाद पुलिस ने बरामद कर लिया।
सीईआईआर पोर्टल पर शिकायत दर्ज करना आसान है। इसके लिए www.ceir.gov.in पर जाकर ब्लाक स्टोलेन या लास्ट मोबाइल के विकल्प पर क्लिक करना होता है। यहां ऑनलाइन फॉर्म भरते समय मोबाइल नंबर, आईएमईआई नंबर, मॉडल, कंपनी का नाम, एफआईआर या शिकायत नंबर और पहचान दस्तावेज जैसे आधार या पैन अपलोड करना होता है। इसके बाद नया संपर्क नंबर और ईमेल डालकर सबमिट करने पर रजिस्टर्ड नंबर पर ओटीपी आता है। ओटीपी दर्ज करने के बाद शिकायत सफलतापूर्वक दर्ज हो जाती है और संबंधित थाना तुरंत अलर्ट हो जाता है।
वाराणसी पुलिस का मानना है कि सीईआईआर पोर्टल आने वाले समय में चोरी और गुमशुदगी से जुड़े मामलों में गेम चेंजर साबित होगा। जिस तेजी से देश भर में मोबाइल लोकेशन ट्रैक हो रहे हैं, उससे अपराधियों की मुश्किलें और बढ़ेंगी और पीड़ितों को राहत मिलेगी।