Tue, 16 Sep 2025 11:29:16 - By : Garima Mishra
वाराणसी के छावनी क्षेत्र स्थित होटल बनारस कोठी और रिवर पैलेस पर अवैध निर्माण का मामला एक बार फिर सुर्खियों में है। वाराणसी विकास प्राधिकरण ने पिछले साल इन दोनों होटलों पर कार्रवाई करते हुए अंदरूनी हिस्सों को क्षतिग्रस्त किया था और मालिक को नोटिस जारी कर शेष अवैध निर्माण को एक महीने के भीतर हटाने का निर्देश दिया था। इसके बावजूद आज तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो सकी है। अब प्राधिकरण ने होटल मालिक मोहम्मद जाफर अली खां से ध्वस्तीकरण में आए चार लाख छह हजार छह सौ छियासठ रुपये का हर्जाना वसूलने की प्रक्रिया शुरू की है।
प्राधिकरण की ओर से जिलाधिकारी को पत्र भेजा गया है ताकि वसूली की कार्रवाई की जा सके। हालांकि अवैध निर्माण को पूरी तरह गिराए जाने की दिशा में अभी तक कोई नई पहल नहीं की गई है। सवाल यह उठ रहा है कि आखिर प्राधिकरण किसके आदेश का इंतजार कर रहा है।
पिछले साल जुलाई में भारी विरोध के बीच दोनों होटलों पर पांच घंटे तक ध्वस्तीकरण की कार्रवाई हुई थी। उस दौरान 30 से अधिक मजदूरों ने हथौड़े और हैमर मशीन से कमरों के दरवाजे, खिड़कियां और अंदरूनी डिजाइन तोड़े। बुलडोजर से बाहरी हिस्से को क्षतिग्रस्त किया गया और अंत में दोनों होटलों को सील कर कैंट पुलिस की अभिरक्षा में सौंप दिया गया। कार्रवाई में वीडीए के 120 कर्मचारी, 150 से अधिक पुलिस बल और कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। मौके पर पहुंचे अफसरों ने संकेत दिए थे कि जल्द ही दोनों होटल पूरी तरह जमींदोज कर दिए जाएंगे, लेकिन उसके बाद से कार्रवाई ठप है।
इस बीच होटल से सटे बैंक्वेट हाल को जरूर तोड़ा गया है, लेकिन मुख्य संरचना जस की तस खड़ी है। जिम्मेदार अधिकारियों का कहना है कि आगे की कार्रवाई उच्च अधिकारियों के निर्देश के अनुसार होगी और फिलहाल हर्जाना वसूलने पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है।
होटल बनारस कोठी और रिवर पैलेस की कानूनी जद्दोजहद भी लंबी रही है। 2016 में मंडलायुक्त कोर्ट में अपील खारिज हुई, 2018 में शासन ने भी अपील को निरस्त कर दिया और 2019 में हाईकोर्ट ने भी होटल मालिक को कोई राहत नहीं दी। इसके बावजूद अवैध निर्माण नहीं हटाया गया। वर्ष 2018 में होटल मालिक पर आगजनी भड़काने का मामला दर्ज हुआ था। बीते साल जुलाई में होटल का बिजली कनेक्शन काट दिया गया और मुकदमा भी दर्ज कराया गया।
रिकॉर्ड बताते हैं कि होटल रिवर पैलेस कई भूखंडों को मिलाकर बनाया गया, जबकि केवल एक भूखंड पर तीन मंजिला आवासीय नक्शा पास कराया गया था। इसी तरह होटल बनारस कोठी का निर्माण भी स्वीकृत मानचित्र के विपरीत और ग्रीन बेल्ट क्षेत्र में किया गया था। दोनों मामलों में वीडीए ने समय-समय पर नोटिस जारी कर सीलिंग और ध्वस्तीकरण आदेश पारित किए, मगर निर्माण पूरी तरह ढहा नहीं।