Tue, 19 Aug 2025 23:37:11 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA
वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र में भेलूपुर थाना क्षेत्र से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है, जिसमें एक महिला कर्मी (बदला हुआ नाम रिंकी) ने अपने ही विभाग के वरिष्ठ कर्मचारी पर वह कार्यरत 3-4 महिला कर्मचारियों को अश्लील संदेश भेजने और अमर्यादित व्यवहार का गंभीर आरोप लगाया है। पीड़िता ने इस संबंध में भेलूपुर थाने में लिखित प्रार्थना पत्र देकर न्याय की मांग की।
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार, जब पीड़िता ने शिकायत दर्ज कराई तो वहां मौजूद थाना प्रभारी ने उन्हें आश्वासन दिया गया कि प्रार्थना पत्र महमूरगंज चौकी को प्रेषित कर दिया जाएगा और जांच के उपरांत तुरंत मुकदमा दर्ज कराया जाएगा, जोकि पीड़िता के पास उसके मोबाईल में डिजिटल साक्ष्य उपलब्ध थे, लेकिन हैरानी की बात यह है कि पूरे 48 घंटे बीत जाने के बावजूद भी महमूरगंज चौकी से या किसी अन्य पुलिसकर्मी द्वारा पीड़िता से संपर्क किया गया और न ही किसी भी प्रकार की कोई कार्यवाही की गई। जबकि उस आरोपी द्वारा अभी भी पीड़िता को परेशान किया जा रहा है। जहां एक तरफ महिलाओं के लिए योगी सरकार जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रही है वहीं पुलिस द्वारा इस ढीले रवैये से पीड़िता और उसके परिजन असहाय महसूस कर रहे हैं।
पीड़िता (रिंकी) ने पूरे प्रकरण की जानकारी देते हुए विस्तृत रूप से बताया कि आरोपी वरिष्ठ कर्मचारी पिछले कई हफ्तों से लगातार उन्हें परेशान कर रहा था, फिर कुछ दिन पहले जानकारी हुई की वो उस कार्यस्थल पर कार्य करने वाली अन्य महिला कर्मचारियों को भी ऐसे ही अश्लील संदेश और अमर्यादित भाषा का प्रयोग कर उन्हें परेशान कर रहा है। पीड़िता ने बताया की वो लॉ प्रथम वर्ष की छात्रा है और पढ़ाई और प्रैक्टिस/कोचिंग में व्यस्तता के वजह से 28 मई 2025 को उसने जॉब छोड़ दी, परंतु आरोपी के पास उसका इंस्टाग्राम आई0डी0 और मोबाईल नंबर पहले से ही मौजूद था, जिसपर आरोपी द्वारा अश्लील संदेश और अमर्यादित मैसेज भेजे जाने लगे। पीड़िता का कहना है कि यह सब उनकी पढ़ाई और मानसिक स्थिति पर गहरा असर डाल रहा है।
गौरतलब है कि पीड़िता खुद लॉ की छात्रा हैं और इस समय काफी मानसिक दबाव में चल रही हैं। उन्होंने स्पष्ट कहा कि यदि किसी प्रकार की अप्रिय घटना होती है तो इसका पूरा जिम्मेदार पुलिस प्रशासन होगा। सवाल यह उठता है कि आखिरकार इतना गंभीर मामला होने के बावजूद भी पुलिस की ओर से लिखित प्रार्थनापत्र दिए 2 दिन होने को है और अब तक कोई ठोस कार्रवाई क्यों नहीं की गई।