वाराणसी में नगर निगम डंपर की चपेट में महिला की मौत, गुस्साए ग्रामीणों ने किया सड़क जाम

वाराणसी के बच्छांव बाजार में नगर निगम के डंपर की चपेट में आने से महिला की मौत, पति-बेटी घायल, ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन

Wed, 15 Oct 2025 15:59:59 - By : Yash Agrawal

वाराणसी के रोहनिया थाना क्षेत्र के अंतर्गत बच्छांव बाजार में बुधवार को एक दर्दनाक सड़क हादसे ने पूरे इलाके को झकझोर कर रख दिया। नगर निगम के कूड़ा लदे डंपर की चपेट में आने से 30 वर्षीय महिला सरला विश्वकर्मा की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि उनका पति और छह वर्ष की बेटी बाल-बाल बच गए। हादसे के बाद गुस्साए ग्रामीणों ने अखरी से चुनार मार्ग पर करीब दो घंटे तक जाम लगाकर विरोध प्रदर्शन किया और मृतक के परिवार के लिए मुआवजे की मांग की।

जानकारी के अनुसार, मृतका सरला विश्वकर्मा के पति रत्नेश विश्वकर्मा, जो मीरजापुर जिले के खानपुर, सीखड़ के निवासी हैं, बुधवार को अपनी पत्नी और बेटी के साथ बाइक से खनांव गांव स्थित अपने रिश्तेदार के घर गृह प्रवेश कार्यक्रम में शामिल होने जा रहे थे। जैसे ही वे बच्छांव बाजार के पास पहुंचे, तभी सामने से तेज रफ्तार में आ रहा नगर निगम का कूड़ा डंपर उनकी बाइक से टकरा गया। टक्कर इतनी जोरदार थी कि महिला सड़क पर गिरकर डंपर के पहिए के नीचे आ गई, जिससे उसकी मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई। हादसे में पति और बेटी सड़क किनारे गिर गए, जिन्हें मामूली चोटें आई हैं।

घटना के तुरंत बाद मौके पर आसपास के लोग इकट्ठा हो गए। मृतका का घर जिस कार्यक्रम के लिए वे जा रहे थे, वह जगह घटनास्थल से मात्र 500 मीटर की दूरी पर थी, जिससे बड़ी संख्या में रिश्तेदार और स्थानीय लोग मौके पर पहुंच गए। महिला की मौत की खबर फैलते ही ग्रामीणों का आक्रोश भड़क उठा। उन्होंने सड़क पर जाम लगाकर नगर निगम प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। ग्रामीणों का आरोप है कि इस मार्ग पर नगर निगम के डंपर और ट्रैक्टर अनियंत्रित गति से चलते हैं, जिसके कारण इस क्षेत्र में पहले भी कई दुर्घटनाएं हो चुकी हैं, लेकिन प्रशासन ने अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया है।

सूचना मिलते ही रोहनिया थाना प्रभारी निरीक्षक राजू सिंह और अखरी चौकी प्रभारी सौरभ सिंह मौके पर पहुंचे। पुलिस ने काफी प्रयास के बाद लोगों को शांत कराया और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा। मृतक के पति रत्नेश विश्वकर्मा ने नगर निगम के खिलाफ लिखित तहरीर दी है, जिसमें उन्होंने 30 लाख रुपये मुआवजा और अपने बच्चों के भरण-पोषण की मांग की है।

मृतका के परिवार में छह वर्ष की बेटी श्रुति और दस वर्ष का बेटा आयुष है। इस दुखद घटना की सूचना मिलने पर क्षेत्र के विधान परिषद सदस्य (एमएलसी) हंसराज विश्वकर्मा भी मौके पर पहुंचे और परिजनों को सांत्वना दी। उन्होंने परिवार को आर्थिक सहायता दिलाने का भरोसा दिया और अधिकारियों से घटना की निष्पक्ष जांच की मांग की।

यह हादसा न केवल एक परिवार के लिए अपूरणीय क्षति लेकर आया है, बल्कि पूरे क्षेत्र के लिए एक गंभीर चेतावनी भी है। लगातार बढ़ती सड़क दुर्घटनाएं और अनियंत्रित डंपरों का आतंक स्थानीय लोगों की सुरक्षा के लिए खतरा बन चुका है। क्षेत्रवासियों का कहना है कि प्रशासन को तुरंत इस मार्ग पर डंपरों की गति सीमा तय करनी चाहिए और नियमित निगरानी सुनिश्चित करनी चाहिए, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।

यह घटना एक बार फिर इस बात की याद दिलाती है कि सड़क सुरक्षा नियमों का पालन केवल व्यक्तिगत जिम्मेदारी नहीं, बल्कि प्रशासनिक व्यवस्था की कसौटी भी है। अगर समय रहते कठोर कदम नहीं उठाए गए तो ऐसी घटनाएं भविष्य में भी किसी न किसी परिवार को उजाड़ सकती हैं।

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