वाराणसी: पारिवारिक कलह से पिता ने दो बेटों संग गंगा में लगाई छलांग, पिता को बचाया गया

वाराणसी में पारिवारिक कलह के चलते एक महिला ने अपने दो मासूम बेटों के साथ गंगा में छलांग लगाई, महिला को सकुशल बचाया गया।

Mon, 04 Aug 2025 15:12:13 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA

वाराणसी: चिरईगांव विकासखंड अंतर्गत चौबेपुर थाना क्षेत्र के चांदपुर गांव में सोमवार को एक हृदय विदारक घटना सामने आई, जिसने पूरे इलाके को झकझोर दिया। पारिवारिक कलह से परेशान 30 वर्षीय दुर्गा सोनकर ने अपने दो मासूम बेटों के साथ रिंग रोड स्थित भवनपुरा पुल से गंगा नदी में छलांग लगा दीया। यह घटना सोमवार दोपहर करीब 12 बजे की बताई जा रही है।

स्थानीय लोगों के अनुसार, जब दुर्गा को बच्चों के साथ पुल की रेलिंग पर चढ़ते देखा गया, तो कई राहगीरों को कुछ अनहोनी की आशंका हुई। लेकिन जब तक कोई कुछ समझ पाता, दुर्गा ने दोनों बेटों संदीप (7) और आशीष (5) को साथ लेकर गंगा में छलांग लगा दी। घटनास्थल पर मौजूद कुछ लोगों ने तत्काल पुलिस को सूचना दी, वहीं मौके पर अफरा-तफरी का माहौल बन गया।

घटना की सूचना मिलते ही दुर्गा के परिजन भी मौके पर पहुंचे, लेकिन प्रशासन की लापरवाही तब उजागर हुई जब दोपहर करीब दो घंटे तक NDRF (राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल) की टीम घटनास्थल पर नहीं पहुंच सकी। दोपहर करीब 1:50 बजे स्थानीय ग्रामीणों ने मुस्तफाबाद रेता के सामने गंगा में एक महिला को बहते हुए देखा। तत्काल ग्रामीणों ने साहस दिखाते हुए महिला को पानी से बाहर निकाला और गंभीर अवस्था में पास के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया। डॉक्टरों के अनुसार, दुर्गा की हालत फिलहाल स्थिर बताई जा रही है, लेकिन वह मानसिक रूप से अत्यंत व्यथित है।

दुर्गा के दोनों पुत्र संदीप और आशीष अब भी लापता हैं। स्थानीय गोताखोरों की सहायता से प्रशासनिक टीम बच्चों की तलाश में जुटी हुई है, लेकिन अब तक कोई सफलता नहीं मिल पाई है। बच्चों की खोज के लिए गंगा में सर्च ऑपरेशन लगातार जारी है। घटना के बाद से चांदपुर गांव सहित आसपास के इलाकों में गहरी शोक की लहर है। ग्रामीणों की आंखों में आंसू हैं और हर कोई बच्चों की सकुशल वापसी की प्रार्थना कर रहा है।

घटना की गंभीरता को देखते हुए पूर्व सांसद राम किशुन यादव भी मौके पर पहुंचे। उन्होंने जिला प्रशासन पर देर से प्रतिक्रिया का आरोप लगाते हुए कहा कि यदि समय रहते रेस्क्यू टीम सक्रिय हो जाती, तो शायद बच्चों को बचाया जा सकता था। उन्होंने गंगा किनारे मौजूद पुलों और घाटों पर प्रभावी सुरक्षा व्यवस्था की मांग की, ताकि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। पूर्व सांसद ने सरकार से पीड़ित परिवार को मानसिक, सामाजिक और आर्थिक सहयोग देने की भी अपील की।

वहीं, चौबेपुर थाना पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। प्रारंभिक पूछताछ में सामने आया है कि दुर्गा सोनकर पिछले कुछ समय से पारिवारिक तनाव से गुजर रही थी। हालांकि, पुलिस द्वारा अब तक कोई आधिकारिक बयान नहीं जारी किया गया है। घटनास्थल से कोई सुसाइड नोट या अन्य दस्तावेज बरामद नहीं हुए हैं।

इस पूरे मामले ने एक बार फिर सामाजिक और पारिवारिक तनावों से उत्पन्न मानसिक स्वास्थ्य संकट पर सवाल खड़े कर दिए हैं। स्थानीय लोग प्रशासन से यह सवाल कर रहे हैं कि क्या ऐसे पुलों पर निगरानी, सीसीटीवी और त्वरित बचाव टीम की व्यवस्था नहीं होनी चाहिए, जिससे भविष्य में निर्दोष बच्चों की जान बचाई जा सके।

फिलहाल चांदपुर गांव में मातम पसरा हुआ है और प्रशासन, पुलिस व राहत टीम बच्चों की तलाश में जुटे हुए हैं। गंगा किनारे अपनों की राह देख रही मां की निगाहें अब सिर्फ अपने मासूमों के लौटने की उम्मीद पर टिकी हैं।

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