Tue, 08 Jul 2025 00:33:37 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA
वाराणसी: शिवपुर थाना क्षेत्र के गिलट बाजार में सोमवार देर शाम उस समय सनसनी फैल गई जब एक 35 वर्षीय युवक ने अपनी दुकान के भीतर फांसी लगाकर जान दे दी। मृतक की पहचान आशीष यादव उर्फ बाबू के रूप में हुई है, जो गिलट बाजार में स्थित अपने कपड़े की दुकान का संचालन करता था। परिजनों ने इस घटना के लिए तीन लोगों को जिम्मेदार ठहराते हुए उन पर कर्ज को लेकर दबाव बनाने, धमकी देने और मानसिक रूप से प्रताड़ित करने का गंभीर आरोप लगाया है।
परिजनों के अनुसार, आशीष बीते कुछ वर्षों से व्यापारिक विस्तार के प्रयास में विभिन्न स्रोतों से कर्ज लेकर अपने व्यवसाय को चलाने की कोशिश कर रहा था। इसी सिलसिले में उसने कई लोगों से बड़ी रकम उधार ली थी। सोमवार की दोपहर कुछ लोग दुकान पर पहुंचे और कथित रूप से आशीष को कर्ज की अदायगी को लेकर धमकाया। इस तनाव के बाद, जब देर शाम तक उसका फोन बंद मिला और किसी से संपर्क नहीं हुआ, तो परिजन उसकी दुकान की ओर बढ़े।
दुकान के भीतर का दृश्य हृदयविदारक था। ऊपर की ओर बनी खिड़की की ग्रिल से गमछे के सहारे आशीष का शव लटकता मिला। यह दृश्य देख परिजनों में चीख-पुकार मच गई। सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को नीचे उतारकर अपने कब्जे में लिया और उसे पोस्टमार्टम के लिए भेजा।
मृतक के पिता रमेश यादव ने थाने में तहरीर देकर बताया कि सोमवार दोपहर करीब एक बजे अजीत सिंह नामक व्यक्ति उनके घर आया था। उसने आक्रोश में कहा कि आशीष ने 45 लाख रुपये का कर्ज लिया है, हाल ही में उसकी गाड़ी भी उठाई गई है, और यदि पैसा वापस नहीं किया गया तो वह आशीष की जान ले लेगा। रमेश यादव का आरोप है कि अजीत सिंह और उसके दो अन्य साथियों द्वारा लगातार मानसिक उत्पीड़न और धमकियों से तंग आकर उनके बेटे ने आत्महत्या का कदम उठाया।
बताया जा रहा है कि आशीष की शादी पांच वर्ष पूर्व हुई थी और वह अपने परिवार में भाई-बहनों में सबसे बड़ा था। उसकी मौत से परिवार में शोक का माहौल है, और स्थानीय लोगों में भी घटना को लेकर गहरी संवेदना है।
थाना प्रभारी राजू कुमार ने मामले की पुष्टि करते हुए बताया कि पिता की तहरीर पर जांच शुरू कर दी गई है और जल्द ही आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाएगा। पुलिस सभी पहलुओं पर गंभीरता से जांच कर रही है, और पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
यह मामला न केवल कर्ज और आर्थिक संकट से जूझ रहे छोटे व्यापारियों की स्थिति को उजागर करता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि कैसे मानसिक दबाव उन्हें चरम कदम उठाने पर मजबूर कर सकता है। स्थानीय व्यापारियों और समाजसेवियों ने प्रशासन से मामले की निष्पक्ष जांच और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है।