Sat, 06 Sep 2025 15:49:11 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA
लखनऊ: प्रदेश की राजधानी में उस समय हड़कंप मच गया जब मुख्यमंत्री आवास के पास एक महिला ने आत्मदाह का प्रयास किया। मौके पर मौजूद सुरक्षा दस्ते ने तुरंत सतर्कता दिखाते हुए उसे पकड़ लिया और किसी बड़े हादसे को होने से टाल दिया। पीड़िता नोएडा से राजधानी आई थी और उसने आत्मदाह से पहले अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर भी स्पष्ट चेतावनी दी थी कि यदि उसे न्याय नहीं मिला तो वह ऐसा कदम उठाने के लिए मजबूर होगी।
जानकारी के अनुसार, महिला नोएडा के शालीमार गार्डन थाना क्षेत्र की रहने वाली है। उसने 24 जून को अपने साथ हुई रेप की घटना की तहरीर पुलिस को दी थी। मामला बेहद गंभीर था, लेकिन प्रारंभिक स्तर पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज करने में आनाकानी की। इसके बाद पीड़िता ने हाईकोर्ट का रुख किया। हाईकोर्ट के निर्देश पर करीब 25 दिन बाद जाकर पुलिस ने रेप का मुकदमा दर्ज किया।
मुकदमा दर्ज होने के बाद भी पीड़िता को राहत नहीं मिली। उसने कई बार पुलिस को आरोपी की लोकेशन बताई, लेकिन पुलिस की ओर से अपेक्षित कार्रवाई नहीं की गई। पीड़िता का कहना है कि उसने बार-बार न्याय की गुहार लगाई, परंतु उसकी आवाज को अनसुना किया गया। यही वजह रही कि वह मुख्यमंत्री आवास तक पहुंची और आत्मदाह की कोशिश की।
इससे पहले भी पीड़िता ने अपने इंस्टाग्राम आईडी पर वीडियो संदेश डालकर साफ कहा था कि अगर न्याय नहीं मिला तो वह राजधानी में आत्मदाह कर लेगी। इसके बावजूद स्थानीय पुलिस ने उसकी बात को गंभीरता से नहीं लिया। महिला का कहना है कि उसे लगातार प्रताड़ना झेलनी पड़ी और आरोपी अब तक आजाद घूम रहा है।
लखनऊ में हुए इस घटनाक्रम ने न केवल राजधानी के प्रशासनिक तंत्र को झकझोर दिया है बल्कि पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। हाईकोर्ट के निर्देश के बावजूद यदि कार्रवाई सुस्त रही तो यह कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाने वाला मामला है।
खबर लिखे जाने तक महिला को सुरक्षा में ले लिया गया है, और मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग उठ रही है। यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि अब प्रदेश सरकार और पुलिस इस प्रकरण पर क्या ठोस कदम उठाते हैं, क्योंकि यह सिर्फ एक महिला की पीड़ा नहीं, बल्कि न्याय प्रणाली पर विश्वास बनाए रखने का प्रश्न भी है।