वाराणसी: दुर्गाकुंड क्षेत्र स्थित घसियारी टोला में शराब ठेका खोले जाने के विरोध में महिलाओं का प्रदर्शन

वाराणसी के घसियारी टोला में शराब ठेका खुलने के विरोध में महिलाओं ने प्रदर्शन किया, उनका कहना है कि इलाके में धार्मिक स्थल हैं और ठेका खुलने से सामाजिक मूल्यों का हनन होगा, पुलिस ने मौके पर पहुंचकर स्थिति को संभाला।

Wed, 02 Jul 2025 20:38:59 - By : Dilip kumar

वाराणसी : दुर्गाकुंड क्षेत्र स्थित घसियारी टोला में मंगलवार को उस समय तनावपूर्ण माहौल बन गया जब इलाके में शराब ठेका खोले जाने की सूचना मिलते ही सैकड़ों की संख्या में स्थानीय महिलाएं सड़क पर उतर आईं और जोरदार नारेबाजी करते हुए ठेका खोलने के फैसले का पुरजोर विरोध किया। महिलाओं का कहना था कि घसियारी टोला और इसके आसपास का क्षेत्र धार्मिक दृष्टि से अत्यंत संवेदनशील है, जहां संकट मोचन मंदिर, दुर्गाकुंड मंदिर, मानस मंदिर और त्रिदेव मंदिर जैसे प्रमुख मंदिर कुछ ही दूरी पर स्थित हैं। इसके अलावा इस इलाके में कई स्कूल भी हैं और रोजाना बड़ी संख्या में बच्चे इसी मार्ग से स्कूल आते-जाते हैं। ऐसे में शराब ठेका खुलने से न केवल धार्मिक वातावरण अपवित्र होगा, बल्कि बच्चों की सुरक्षा और नैतिक माहौल पर भी नकारात्मक असर पड़ेगा, जो सामाजिक और सांस्कृतिक मूल्यों के खिलाफ है।

महिलाओं ने बताया कि इससे पहले भी इस शराब ठेके को किसी धार्मिक धाम क्षेत्र में खोलने का प्रयास किया गया था, लेकिन वहां स्थानीय लोगों के विरोध के चलते ठेका बंद करना पड़ा था। अब प्रशासन इसे घसियारी टोला में स्थानांतरित कर खोलना चाहता है, जिससे क्षेत्र की शांति और सामाजिक सौहार्द पर गंभीर खतरा मंडरा रहा है।

प्रदर्शन की खबर मिलते ही पुलिस प्रशासन हरकत में आया और एसीपी भेलूपुर के नेतृत्व में भारी संख्या में पुलिस बल मौके पर पहुंचा। इंस्पेक्टर भेलूपुर, महिला फोर्स समेत अन्य अधिकारियों ने प्रदर्शनकारी महिलाओं को समझाने का प्रयास किया, लेकिन महिलाएं ठेका न खोलने की अपनी मांग पर अड़ी रहीं और ठेका रद्द करने का आग्रह दोहराती रहीं। महिलाओं ने स्पष्ट किया कि इस मार्ग पर बच्चों और महिलाओं की नियमित आवाजाही रहती है और शराब ठेका खुलने से छेड़छाड़, अपराध और असुरक्षा की संभावनाएं बढ़ सकती हैं, जिससे इलाके का सामाजिक ताना-बाना प्रभावित होगा। महिलाओं ने जिलाधिकारी से मामले में तत्काल हस्तक्षेप की मांग करते हुए ठेका खोलने की प्रक्रिया को तत्काल प्रभाव से रद्द करने का आदेश देने की गुहार लगाई। उनका कहना था कि प्रशासन को जनता की भावनाओं का सम्मान करते हुए ठेका खोलने का निर्णय वापस लेना चाहिए, अन्यथा महिलाएं उग्र आंदोलन के लिए विवश होंगी।

प्रशासन की ओर से प्रदर्शन के दौरान शांति बनाए रखने की अपील की गई और महिलाओं को शांतिपूर्ण तरीके से विरोध जारी रखने की अनुमति दी गई। हालांकि, देर शाम तक ठेका खोलने को लेकर प्रशासन की ओर से कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया था, जिससे स्थानीय लोगों में असंतोष और आशंका बनी हुई है। लोगों का कहना है कि शराब ठेका खुलने से नशे की प्रवृत्ति बढ़ेगी, जिससे क्षेत्र में अपराध और सामाजिक अव्यवस्था की संभावनाएं कई गुना बढ़ जाएंगी। फिलहाल पुलिस ने स्थिति पर पूरी तरह नजर बनाए रखी है, लेकिन अब बड़ा सवाल यह खड़ा हो गया है कि प्रशासन स्थानीय जनता की आवाज सुनेगा या नहीं, क्योंकि इस विरोध ने साफ कर दिया है कि इलाके के लोग शराब ठेका किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं करेंगे और जरूरत पड़ने पर बड़े आंदोलन का रास्ता अपनाएंगे।

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