Wed, 11 Jun 2025 23:33:20 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA
महराजगंज: जिले के गंगापुर घाट पर बुधवार को एक दुखद हादसा हुआ, जिसने एक परिवार और पूरे गांव को शोक में डुबो दिया। सरयू नदी में दाह संस्कार के बाद स्नान कर रहे चार युवक अचानक गहरे पानी में चले गए। स्थानीय लोगों और मौजूद अन्य व्यक्तियों की तत्परता से तीन युवकों की जान तो बचा ली गई, लेकिन 18 वर्षीय विपुल की डूबने से मृत्यु हो गई। दो घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद गोताखोरों की सहायता से उसका शव नदी से बरामद किया जा सका।
घटना अराजी अमानी गांव की है, जहां लक्ष्मी नामक महिला की बेटी रतुला का निधन होने के बाद परिजन और ग्रामीण जन पारंपरिक रीति से गंगापुर घाट पहुंचे थे। अंतिम संस्कार की विधि पूरी होने के बाद, गांव के चार युवक जीतन, वीरेंद्र, संदीप और विपुल स्नान के लिए नदी में उतरे। इस दौरान नदी के एक हिस्से में अचानक गहराई में चले जाने से चारों युवक डूबने लगे। घाट पर मौजूद लोगों ने तुरंत शोर मचाया और मदद के लिए दौड़े। कड़ी मशक्कत और स्थानीय युवकों की तत्परता से जीतन, वीरेंद्र और संदीप को किसी तरह सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया, लेकिन विपुल गहराई में चला गया और लापता हो गया।
मौके पर सूचना मिलते ही महराजगंज थाने के प्रभारी निरीक्षक विनय कुमार मिश्रा तत्काल दल-बल के साथ पहुंचे। प्रशासन ने गोताखोरों की मदद ली और करीब दो घंटे की खोजबीन के बाद विपुल का शव बरामद किया गया। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। थाना प्रभारी ने जानकारी दी कि विपुल छह भाई-बहनों में सबसे छोटा था और वह कक्षा आठ का छात्र था। परिवार की आर्थिक स्थिति पहले से ही संघर्षपूर्ण थी, ऐसे में यह घटना उनके लिए असहनीय बन गई है।
ग्रामीणों और परिवारजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। गांव में शोक की लहर है और हर कोई इस दर्दनाक हादसे को लेकर गहरे सदमे में है। ग्रामीणों ने प्रशासन से घाट पर उचित चेतावनी बोर्ड और सुरक्षा उपायों की मांग की है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को टाला जा सके। वहीं, सामाजिक संगठनों और स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने भी पीड़ित परिवार को हर संभव सहायता देने का भरोसा दिलाया है।
यह घटना एक बार फिर सरयू नदी के गहरे और खतरनाक प्रवाह की ओर ध्यान आकर्षित करती है, जहां हर वर्ष स्नान के दौरान कई हादसे होते हैं। स्थानीय प्रशासन से अपेक्षा की जा रही है कि घाटों पर सुरक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ किया जाए, ताकि धार्मिक या पारंपरिक कार्यक्रमों में शामिल होने आए लोगों की जान जोखिम में न पड़े।