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रामनगर में राज्यपाल लक्ष्मण आचार्य की उपस्थिति, पूजन-अर्चन और शोकाकुल परिवारों से संवाद

रामनगर में राज्यपाल लक्ष्मण आचार्य की उपस्थिति, पूजन-अर्चन और शोकाकुल परिवारों से संवाद

वाराणसी के रामनगर में असम के राज्यपाल आचार्य ने व्यक्तिगत संवेदनाओं को प्राथमिकता देते हुए रुद्राभिषेक किया, जनसंपर्क साधा व शोक प्रकट किया।

वाराणसी: आज गुरुवार का दिन वाराणसी के रामनगर क्षेत्र में एक अद्वितीय सामाजिक-सांस्कृतिक दृश्य का साक्षी बना, जब असम के राज्यपाल लक्ष्मण प्रसाद आचार्य ने व्यक्तिगत संवेदनाओं को प्राथमिकता देते हुए एक साथ कई स्थानों पर शोक-संवेदना प्रकट की, पूजन-अर्चन में शामिल हुए और जनसंपर्क का जीवंत उदाहरण प्रस्तुत किया। यह केवल एक शिष्टाचारिक यात्रा नहीं थी, बल्कि मानवीय संबंधों और सांस्कृतिक जुड़ाव की मिसाल थी, जिसे रामनगर- वासियों ने अत्यंत आत्मीयता से महसूस किया।

राज्यपाल आचार्य अपने निर्धारित कार्यक्रम के तहत गुरुवार को पूर्वाह्न अपने गृह नगर रामनगर पहुंचे। आगमन के साथ ही उन्होंने सबसे पहले तपोवन स्थित एक निजी विद्यालय में आयोजित रुद्राभिषेक कार्यक्रम में भाग लिया। इस धार्मिक आयोजन में वे अपने परिवार संग सम्मिलित हुए, जहां उन्होंने घंटों तक श्रद्धालुओं और स्थानीय लोगों से संवाद कर आत्मीय संबंधों को और सुदृढ़ किया।

रुद्राभिषेक उपरांत, उन्होंने नगर के सक्रिय जनप्रतिनिधियों में से एक, भाजपा पार्षद लल्लन सोनकर के आवास पर जाकर उनका हालचाल लिया। गौरतलब है कि लल्लन सोनकर एक माह पूर्व सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल हो गए थे और वर्तमान में स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं। राज्यपाल ने उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की और परिवार को ढांढस बंधाया।

इसके पश्चात राज्यपाल का काफिला दुर्गा रोड स्थित प्रसिद्ध मां मंशा देवी मंदिर पहुंचा, जहां उन्होंने विधिवत दर्शन-पूजन कर क्षेत्र की सुख-समृद्धि के लिए प्रार्थना की। वहां कुछ समय ध्यान मुद्रा में बैठे राज्यपाल ने आध्यात्मिक ऊर्जा का अनुभव करते हुए मंदिर की सांस्कृतिक महत्ता पर भी चर्चा की।

मंदिर दर्शन के बाद वे शास्त्री चौक निवासी वरिष्ठ पत्रकार मनोज श्रीवास्तव के आवास पहुंचे। पत्रकार मनोज श्रीवास्तव के बड़े भाई स्वतंत्र कुमार श्रीवास्तव का विगत 12 जून को निधन हो गया था। राज्यपाल ने उनके निवास पर पहुंचकर न केवल पुष्पांजलि अर्पित की, बल्कि परिवार के सदस्यों से भी मिलकर गहरी संवेदना प्रकट की। उन्होंने परिजनों से बात करते हुए कहा कि दुख की इस घड़ी में पूरा समाज आपके साथ है और उनकी आत्मा को शांति मिले, यही ईश्वर से प्रार्थना है।

इसके बाद वे सीधे मच्छरहट्टा क्षेत्र निवासी वरिष्ठ अधिवक्ता विष्णु श्रीवास्तव के आवास पहुंचे। हाल ही में अधिवक्ता श्रीवास्तव की माता जी का निधन हुआ था। राज्यपाल ने यहां भी शोक संतप्त परिजनों से मिलकर उन्हें सांत्वना दी और दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की।

इस पूरी यात्रा के दौरान राज्यपाल की गरिमामयी उपस्थिति के साथ-साथ उनका विनम्र और मानवीय व्यवहार क्षेत्रवासियों के लिए प्रेरणास्रोत रहा। उन्होंने प्रत्येक परिवार के दुख में स्वयं को सहभागी बनाकर राजकीय मर्यादाओं के साथ भावनात्मक जुड़ाव की एक दृढ़ और दुर्लभ मिसाल प्रस्तुत की।

राज्यपाल की इस यात्रा में भाजपा के क्षेत्रीय अध्यक्ष दिलीप पटेल, वरिष्ठ नेता डॉ. अशोक राय, लालवानी जी, सुरेश सिंह, शैलेन्द्र किशोर पांडेय, अशोक जायसवाल, रितेश पाल गौतम, मनोज यादव, राजकुमार सिंह, शुभम् सिंह, अंकित राय, भैय्यालाल सोनकर सहित भाजपा के अनेक कार्यकर्ता और स्थानीय गणमान्य नागरिक शामिल रहे। सभी ने राज्यपाल के इस आत्मीय दौरे की प्रशंसा करते हुए इसे भावनात्मक और सामाजिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण बताया।

राज्यपाल लक्ष्मण प्रसाद आचार्य का यह दौरा केवल एक संवेदनात्मक यात्रा नहीं था, बल्कि यह दर्शाता है कि राजनीति से ऊपर उठकर जब कोई संवेदना के धरातल पर खड़ा होता है, तब एक नई सामाजिक चेतना का जन्म होता है। यही कारण है कि रामनगर- वासियों के हृदय में उनका यह दौरा एक सजीव स्मृति के रूप में अंकित हो गया है।

कुछ समय रुकने के उपरांत राज्यपाल का काफिला वाराणसी के लिए रवाना हो गया, लेकिन उनके द्वारा दर्शाई गई मानवीय गरिमा और सामाजिक सरोकार की छवि शहरवासियों के बीच लंबे समय तक चर्चा का विषय बनी रहेगी।

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