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अयोध्या: श्रीराम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा की द्वितीय वर्षगांठ, धार्मिक अनुष्ठानों का शुभारंभ

अयोध्या: श्रीराम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा की द्वितीय वर्षगांठ, धार्मिक अनुष्ठानों का शुभारंभ

अयोध्या में श्रीराम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा की द्वितीय वर्षगांठ पर संगीतमय रामचरितमानस पाठ व धार्मिक अनुष्ठान शुरू हुए, श्रद्धालु उमड़े।

अयोध्या में श्रीराम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा की द्वितीय वर्षगांठ प्रतिष्ठा द्वादशी के पावन अवसर पर धार्मिक अनुष्ठानों का शुभारंभ सोमवार से हो गया। सुबह लगभग आठ बजे पूजन अर्चन के साथ संगीतमयी श्रीरामचरितमानस पाठ आरंभ हुआ, जिसने पूरे परिसर को भक्तिमय वातावरण से भर दिया। अंगद टीला परिसर में चल रहे इस आयोजन में बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे और भगवान श्रीराम के बाल स्वरूप के गुणगान को भाव विभोर होकर सुना। अपराह्न ढाई बजे से जगद्गुरु रामदिनेशाचार्य ने रामकथा का रसपान कराया, जिसमें श्रीराम के आदर्श चरित्र और जीवन मूल्यों का विस्तार से वर्णन किया गया।

मानस पाठ का शुभारंभ राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के ट्रस्टी डॉ अनिल कुमार मिश्र और राम मंदिर के व्यवस्थापक गोपाल राव ने किया। कानपुर के श्रीश्री मां आनंदमयी मानस परिवार द्वारा प्रस्तुत इस पाठ में श्रोताओं को भी गायक मंडली के साथ सहभागिता का अवसर मिला। सीताराम चरण रति मोरे अनुदिन बढ़ऊं अनुग्रह तोरे संपुट के साथ बालकांड के प्रथम सोपान का पाठ प्रारंभ होते ही पूरा पंडाल राम नाम से गूंज उठा। मानस पाठ में कुल तेईस सदस्य शामिल रहे, जिनमें विभिन्न स्थानों से आए विद्वान मानसपाठी शास्त्रीय और सामान्य स्वरों में पाठ करते रहे।

मानस पाठ की पूर्णाहुति के बाद ढाई बजे से रामकथा का आयोजन हुआ और सायंकाल छह बजे से गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय छत्तीसगढ़ की टीम द्वारा विशिष्ट शैली में रामलीला का मंचन किया गया। रामलीला को देखने के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी और देर शाम तक भक्ति और उल्लास का वातावरण बना रहा। प्रतिष्ठा द्वादशी का मुख्य उत्सव इकतीस दिसंबर को मनाया जाएगा, जिसमें केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के शामिल होने की संभावना है।

प्रतिष्ठा द्वादशी के दिन राम जन्मभूमि परिसर के परकोटे की उत्तरी भुजा के मध्य स्थित माता अन्नपूर्णा मंदिर के शिखर पर धर्म ध्वजा का आरोहण भी किया जाएगा। इसके साथ ही केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह प्राण प्रतिष्ठा के बाद पहली बार राम मंदिर पहुंचेंगे और लगभग तीन घंटे से अधिक समय तक परिसर में रहेंगे। वे रामलला की प्राकट्य आरती में भाग लेंगे और ध्वजारोहण कार्यक्रम में भी सम्मिलित होंगे। इससे पूर्व सुबह लगभग साढ़े नौ बजे रामलला का महाभिषेक होगा, जिसके बाद श्रृंगार और भोग अर्पण किया जाएगा।

राम जन्मभूमि परिसर की यज्ञशाला में मंडल पूजा के तीसरे दिन ट्रस्टी और उडुप्पी पीठाधीश्वर स्वामी विश्वप्रसन्नतीर्थ के नेतृत्व में तत्वकलश, तत्वहोम और अष्टाक्षर मंत्र होम जैसे वैदिक कर्मकांड संपन्न कराए गए। सायंकाल देवविग्रह को चांदी की पालकी में विराजमान कर परिसर में पालकी यात्रा निकाली गई, जिसमें आचार्य, ट्रस्ट से जुड़े कर्मी और बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए। आचार्यों के अनुसार ऐसे अनुष्ठान रामतत्व की अखंड चेतना को समाज में स्थापित करने का माध्यम होते हैं और श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक ऊर्जा से भर देते हैं।

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