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आज़मगढ़: प्राथमिक स्कूल में स्वतंत्रता दिवस पर राजनीतिक गीत पर बच्चों का डांस, मचा बड़ा विवाद

आज़मगढ़: प्राथमिक स्कूल में स्वतंत्रता दिवस पर राजनीतिक गीत पर बच्चों का डांस, मचा बड़ा विवाद

आज़मगढ़ के एक स्कूल में स्वतंत्रता दिवस पर बच्चों ने राजनीतिक गीतों पर नृत्य किया, जिससे अब विवाद खड़ा हो गया है।

आज़मगढ़: स्वतंत्रता दिवस पर आयोजित कार्यक्रमों में जहां आमतौर पर देशभक्ति और राष्ट्रीय एकता के गीत गूंजते हैं, वहीं आज़मगढ़ जिले से सामने आई एक वीडियो ने राजनीतिक हलचल मचा दी है। वायरल वीडियो को कोयलसा ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय मगरुपुर का बताया जा रहा है। इस वीडियो में बच्चों को देशभक्ति की धुनों पर नहीं, बल्कि समाजवादी पार्टी और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के प्रचार गीतों पर ठुमके लगाते देखा जा रहा है। कार्यक्रम के दौरान विद्यालय का स्टाफ भी बच्चों को उत्साहित करता दिखाई दे रहा है, जिसको लेकर अब बड़ा विवाद खड़ा हो गया है।

जानकारी के मुताबिक, विद्यालय में स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया था। लेकिन देशप्रेम से जुड़े गीतों की जगह वहां समाजवादी पार्टी और PDA (पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यक) अभियान से संबंधित गाने बजाए गए। बच्चों ने उन्हीं गीतों पर मंच पर नृत्य प्रस्तुत किया, जबकि विद्यालय के प्रधानाध्यापक सुनील यादव भी मंच पर खड़े होकर छात्रों को प्रोत्साहित करते और तालियां बजाते नजर आए। यह दृश्य जैसे ही सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, मामला गरमा गया और विपक्ष ने इसे राष्ट्र पर्व की गरिमा से खिलवाड़ करार दिया।

भाजपा जिलाध्यक्ष ध्रुव सिंह ने इस पूरे प्रकरण पर कड़ी आपत्ति जताई है। उन्होंने जिला प्रशासन को शिकायत पत्र सौंपते हुए संबंधित अध्यापकों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की। ध्रुव सिंह का कहना है कि स्वतंत्रता दिवस का संदेश देशभक्ति और त्याग की प्रेरणा देने वाला होता है, लेकिन इस विद्यालय में राजनीतिक प्रचार को बढ़ावा देकर बच्चों को गुमराह किया गया है। उन्होंने मांग की कि दोषी अध्यापकों को तत्काल निलंबित किया जाए और उनके खिलाफ कानूनी धाराओं में मुकदमा दर्ज हो।

वहीं, मामला प्रशासन के संज्ञान में आने के बाद जांच शुरू कर दी गई है। बेसिक शिक्षा अधिकारी (BSA) राजीव पाठक ने बताया कि जांच की जिम्मेदारी खंड शिक्षा अधिकारी कोयलसा को सौंपी गई है। उन्होंने कहा कि प्राथमिक जांच में वीडियो की सत्यता और उसमें शामिल शिक्षकों की भूमिका की पुष्टि की जाएगी। रिपोर्ट आने के बाद दोषियों के खिलाफ नियमानुसार कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।

इस पूरे घटनाक्रम ने शिक्षा जगत और अभिभावकों में भी सवाल खड़े कर दिए हैं। स्वतंत्रता दिवस जैसे राष्ट्रीय पर्व पर राजनीतिक प्रचार की धुनों पर बच्चों से नृत्य करवाने को लेकर लोगों में नाराज़गी है। आमजन का कहना है कि विद्यालय बच्चों के भविष्य को संवारने का स्थान होता है, वहां राजनीति से ऊपर उठकर राष्ट्रप्रेम और संस्कारों का पाठ पढ़ाया जाना चाहिए।

फिलहाल, सोशल मीडिया पर वायरल यह वीडियो लगातार चर्चा का विषय बना हुआ है। जांच रिपोर्ट सामने आने के बाद ही यह साफ हो पाएगा कि इस मामले में किसकी गलती थी और जिम्मेदारों पर क्या कार्रवाई होगी। लेकिन इतना तय है कि स्वतंत्रता दिवस जैसे पावन अवसर पर हुए इस विवाद ने शिक्षा व्यवस्था की गंभीरता और विद्यालयों की निष्पक्षता पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है।

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