वाराणसी: सोनभद्र, मिर्जापुर और चंदौली जिलों के साथ बिहार के कैमूर जिले तक प्रागैतिहासिक शैलचित्रों की एक विस्तृत शृंखला फैली हुई है। यह जानकारी बीएचयू के प्राचीन इतिहास विभाग की टीम के सर्वे में सामने आई है। टीम ने दो साल के अध्ययन के बाद इस क्षेत्र की गुफाओं और भित्ति चित्रों का व्यापक सर्वेक्षण किया, जिसमें कई नई जगहों पर शैलचित्र और लघु पाषाणीय उपकरण पाए गए। यह शैलचित्र 3600 ईसा पूर्व से लेकर 25 लाख वर्ष पूर्व तक के प्राचीन इतिहास से जुड़े महत्वपूर्ण संकेत देते हैं।
सोनभद्र के पंचमुखी, महुअरिया और घोरावल क्षेत्र, मिर्जापुर के गोबरदहा और चंदौली के गहिजन बाबा पहाड़ी जैसे क्षेत्रों में पहले से शैलचित्रों की मौजूदगी प्राचीन इतिहास के शोधकर्ताओं के लिए आकर्षण का केंद्र रही है। हालिया सर्वेक्षण में चतरा-नगवां ब्लॉक, मिर्जापुर जिले के कुछ हिस्से और चंदौली के नौगढ़ तहसील क्षेत्र में बड़ी संख्या में गुफा-भित्ति चित्रों की पहचान हुई है। इन चित्रों में मानव जीवन, पशु, वन्य और जलजीवों की आकृतियां, धार्मिक और सामाजिक प्रतीक, और तत्कालीन लोक कला-संस्कृति के संकेत पाए गए हैं।
प्रोफेसर कमलाराम बिंद, डॉ. प्रभाकर उपाध्याय और स्वतंत्र कुमार सिंह के निर्देशन में हुए सर्वेक्षण में पाया गया कि खोड़वा के कटहरवा शैलाश्रय में एक्सरे तकनीक से मानव और पशु आकृतियों का अंकन है। हिरण और मगरमच्छ की आकृतियां, ताम्र-पाषाणिक संस्कृति और लौह युग से जुड़े शैलचित्र, साथ ही मानव अधिवास से जुड़े खड़े पत्थरों पर बने चित्र भी इस क्षेत्र की प्राचीन सभ्यता की झलक देते हैं। दुआरी में पुष्पचित्र, धर्मदासपुर में गुप्तकालीन ब्राह्मी लिपि के साथ हिरण की आकृति और बहेरा में दुर्लभ हाथों के छाप जैसे चित्र भी पाए गए हैं।
इस सर्वेक्षण के दौरान चंदौली में 23 नई जगहों पर 34, मिर्जापुर में दो नई जगहों पर दो, सोनभद्र में 10 नई जगहों पर 31 और बिहार के कैमूर में नौ नई जगहों पर 13 शैलचित्रों की पुष्टि हुई है। क्षेत्रीय पुरातत्व अधिकारी डॉ. रामनरेश पाल ने बताया कि पहले से संरक्षित शैलचित्रों की देखरेख के लिए आवश्यक इंतजाम किए जा रहे हैं और नए पाए गए चित्रों के संरक्षण के प्रयास भी किए जाएंगे।
यह शैलचित्रों की शृंखला प्रागैतिहासिक काल, पाषाण युग, कांस्य युग और लौह युग से जुड़े मानव सभ्यता, सांस्कृतिक आदतों और धार्मिक विश्वासों की महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करती है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस क्षेत्र के गहन अध्ययन से भारतीय प्राचीन सभ्यता और उसके विकास को समझने में नई रोशनी मिल सकती है।
वाराणसी: BHU टीम के सर्वे में सोनभद्र से कैमूर तक मिले प्रागैतिहासिक शैलचित्र

बीएचयू की टीम ने सोनभद्र, मिर्जापुर, चंदौली और कैमूर जिलों में प्रागैतिहासिक शैलचित्रों की विस्तृत श्रृंखला का पता लगाया है, जो 25 लाख वर्ष पूर्व तक के इतिहास से जुड़े हैं।
Category: uttar pradesh varanasi archaeology
LATEST NEWS
-
वाराणसी: गेस्ट हाउस में देहव्यापार का भंडाफोड़, दो युवतियां व ग्राहक गिरफ्तार
वाराणसी के भेलूपुर स्थित गेस्ट हाउस में देहव्यापार का भंडाफोड़, पुलिस ने दो युवतियों, ग्राहक व सह-संचालक को दबोचा।
BY : SANDEEP KR SRIVASTAVA | 12 Oct 2025, 09:22 PM
-
वाराणसी: कैंट में आत्मनिर्भर भारत संकल्प सम्मेलन आयोजित, जीएसटी कटौती पर मोदी सरकार का आभार
वाराणसी कैंट में आत्मनिर्भर भारत संकल्प विधानसभा सम्मेलन हुआ, जिसमें जीएसटी कटौती पर मोदी सरकार का धन्यवाद किया गया और स्वदेशी को बढ़ावा देने पर जोर दिया गया।
BY : SANDEEP KR SRIVASTAVA | 12 Oct 2025, 09:00 PM
-
वाराणसी: रामनगर में एम-पैक्स सदस्यता अभियान, सैकड़ों लोगों ने ली सदस्यता
वाराणसी के रामनगर में विशाल एम-पैक्स सदस्यता शिविर आयोजित हुआ, जिसमें सैकड़ों किसानों और युवाओं ने जुड़कर सहकारिता आंदोलन को मजबूत किया।
BY : SANDEEP KR SRIVASTAVA | 12 Oct 2025, 08:34 PM
-
अखिलेश यादव का हमला: कहा, मुख्यमंत्री नासमझ और झूठ बोलते हैं
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भाजपा सरकार और मुख्यमंत्री पर गंभीर आरोप लगाए, कहा CM सिर्फ झूठ बोलते हैं और उन्हें राज्य के मामलों की समझ नहीं है।
BY : Yash Agrawal | 12 Oct 2025, 04:56 PM
-
वाराणसी: दालमंडी में सड़क चौड़ीकरण की कार्रवाई स्थगित, पुलिस बल न मिलने से टीम लौटी
वाराणसी के दालमंडी क्षेत्र में सड़क चौड़ीकरण के लिए अतिक्रमण हटाने पहुंची टीम, पर्याप्त पुलिस बल न मिलने के कारण कार्रवाई स्थगित कर वापस लौट गई।
BY : Shriti Chatterjee | 12 Oct 2025, 04:26 PM