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काशी में देव दिवाली पर बवाल, मुख्यमंत्री के क्रूज पर चढ़ने की कोशिश में BJP नेताओं को धक्कामुक्की का सामना

काशी में देव दिवाली पर बवाल, मुख्यमंत्री के क्रूज पर चढ़ने की कोशिश में BJP नेताओं को धक्कामुक्की का सामना

वाराणसी में देव दिवाली पर सीएम योगी के क्रूज पर चढ़ने से भाजपा नेताओं को रोका गया, एक पूर्व मेयर गंगा में गिरने से बचीं।

वाराणसी: देव दिवाली के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम उस समय चर्चा का विषय बन गया जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के क्रूज पर चढ़ने की कोशिश में भाजपा के कई वरिष्ठ नेताओं को सुरक्षा कर्मियों ने रोक दिया। मामला इतना बढ़ा कि कमांडो ने चार पूर्व मेयरों समेत कई नेताओं को धक्का देकर नीचे उतार दिया। इस दौरान पूर्व सांसद की बहू और पूर्व मेयर मृदुला जायसवाल फिसलकर गिरते-गिरते गंगा नदी में गिरने से बचीं। घटना के बाद भाजपा नेताओं में नाराजगी साफ देखी गई।

कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नमो घाट पर पहला दीया जलाया और इसके बाद लेजर एंड साउंड शो देखने के लिए क्रूज की ओर बढ़े। उनके साथ विधायक नीलकंठ तिवारी और वर्तमान मेयर अशोक तिवारी मौजूद थे, जिन्हें सुरक्षा कर्मियों ने बिना रोक-टोक आगे बढ़ने दिया। लेकिन जैसे ही अन्य भाजपा नेता और पदाधिकारी क्रूज पर चढ़ने लगे, सुरक्षा व्यवस्था ने सख्ती दिखाते हुए उन्हें रोक दिया।

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, रैम्प पर चढ़ते समय चार पूर्व मेयरों के साथ अभद्रता की गई। कमांडो ने सबसे पहले पूर्व मेयर रामगोपाल मोहले को धक्का देकर रोक दिया और उनसे तीखी नोकझोंक भी हुई। स्थिति बिगड़ती देख राज्यमंत्री रविंद्र जायसवाल ने आगे बढ़कर उन्हें सुरक्षा घेरे से निकालते हुए क्रूज के अंदर पहुंचाया।

इसी क्रम में पीछे चल रहे पूर्व मेयर कौशलेंद्र पटेल के साथ भी दुर्व्यवहार हुआ। एक सिपाही ने उनका कॉलर पकड़ लिया और उन्हें पीछे धकेल दिया। जब उन्होंने विरोध जताया तो सुरक्षाकर्मी और आक्रामक हो गया। स्थिति को संभालने के लिए मंत्री रविंद्र जायसवाल ने दोबारा हस्तक्षेप किया और उन्हें किसी तरह अंदर ले गए।

सबसे संवेदनशील स्थिति तब बनी जब पूर्व सांसद शंकर लाल जायसवाल की बहू और पूर्व मेयर मृदुला जायसवाल को धक्का लगने से वे रैम्प पर फिसल गईं। उन्होंने खुद को संभालते हुए आगे बढ़ने की कोशिश की लेकिन एक बार फिर धक्का लगने से वे गिरते-गिरते गंगा में जाने से बचीं। इसके बाद वे क्रूज तक नहीं पहुंच सकीं और कार्यक्रम स्थल से लौटना पड़ा।

इसी दौरान हिन्दू युवा वाहिनी के कुछ पदाधिकारी भी मुख्यमंत्री के साथ क्रूज पर चढ़ने का प्रयास कर रहे थे। सुरक्षा अधिकारियों ने उन्हें कड़ी फटकार लगाई और कई को धक्का देकर पीछे कर दिया। स्थिति को संभालने में सुरक्षाकर्मियों और स्थानीय प्रशासन को काफी मशक्कत करनी पड़ी।

देव दिवाली के इस आयोजन में सुरक्षा व्यवस्था इतनी कड़ी थी कि कई भाजपा नेताओं को भीतर जाने की अनुमति नहीं दी गई। घटना के बाद से पार्टी के भीतर नाराजगी और असंतोष का माहौल बना हुआ है। कई नेताओं ने इसे स्थानीय प्रशासन की असंवेदनशीलता बताया है और इसकी शिकायत उच्च स्तर पर करने की बात कही है।

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