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वाराणसी: को-ऑपरेटिव बैंक निदेशक से 46.50 लाख की साइबर ठगी, केस हुआदर्ज

वाराणसी: को-ऑपरेटिव बैंक निदेशक से 46.50 लाख की साइबर ठगी, केस हुआदर्ज

वाराणसी में को-ऑपरेटिव बैंक निदेशक से शेयर ट्रेडिंग के नाम पर साइबर अपराधियों ने 46.50 लाख रुपये ठगे, मुकदमा दर्ज किया गया।

वाराणसी: साइबर अपराधियों ने निवेश का लालच दिखाकर एक बार फिर बड़ी ठगी को अंजाम दिया है। इस बार शिकार बने हैं को-ऑपरेटिव बैंक के निदेशक और भाजपा नेता रामप्रकाश दुबे, जिनसे 46.50 लाख रुपये की ठगी की गई। पीड़ित ने शनिवार को साइबर क्राइम थाने में मुकदमा दर्ज कराया है, जिसके बाद पुलिस ने मामले की विवेचना शुरू कर दी है।

लालपुर-पांडेयपुर थाना क्षेत्र के गोइठहा निवासी रामप्रकाश दुबे ने पुलिस को दी गई तहरीर में बताया कि मार्च 2025 में उनकी मुलाकात फेसबुक के माध्यम से अंकिता मित्तल नामक महिला से हुई थी। खुद को बीएसजीसी कंपनी के मोबाइल एप पर एडवाइजर और एजेंट बताने वाली अंकिता ने उन्हें शेयर ट्रेडिंग के जरिए बड़े मुनाफे का लालच दिया। बातचीत के दौरान उसने खुद को मार्केट एक्सपर्ट बताया और निवेश करने पर गारंटीड फायदा होने का भरोसा दिलाया।

दुबे ने बताया कि महिला और उसके साथियों के झांसे में आकर उन्होंने 24 मार्च को पहली बार बीएसजीसी कंपनी के एप पर अकाउंट खोलने के लिए 50 हजार रुपये जमा किए। एप पर लॉगिन और पासवर्ड मिलने के बाद अकाउंट में 50 हजार रुपये की एंट्री दिखने लगी, जिससे उन्हें भरोसा हो गया कि लेनदेन असली है। इसके बाद लगातार संपर्क में रहकर अंकिता मित्तल और उसकी सहयोगी स्नेहा चौहान उन्हें विभिन्न खातों में पैसे ट्रांसफर करने के लिए कहती रहीं। इस तरह उन्होंने धीरे-धीरे 46 लाख 50 हजार रुपये तक जमा कर दिए।

ठगी का शिकार हुए बैंक निदेशक ने बताया कि रकम जमा करने के बाद एप पर उनके खाते में शेयर ट्रेडिंग से मुनाफा दिखाया गया और 2,00,702 रुपये भी ट्रांसफर किए गए। इससे उन्हें पूरा खेल वास्तविक लगा। लेकिन जब उन्होंने बाकी राशि निकालने की कोशिश की तो आरोपितों ने 72 लाख रुपये अतिरिक्त 'सिक्योरिटी डिपॉजिट' जमा करने का दबाव बनाना शुरू कर दिया। बार-बार दबाव डालने के बाद उन्हें एहसास हुआ कि यह पूरा खेल धोखाधड़ी का है और उनके साथ करोड़ों की ठगी की साजिश रची जा रही है।

रामप्रकाश दुबे ने अंकिता मित्तल, स्नेहा चौहान और बीएसजीसी एप संचालकों पर 46.50 लाख रुपये हड़पने का आरोप लगाया है। पुलिस का कहना है कि मामला गंभीर है और आरोपियों की पहचान कर उनकी तलाश की जा रही है। साथ ही ट्रांजैक्शन की पूरी डिटेल खंगाली जा रही है ताकि रकम का पता लगाया जा सके।

साइबर क्राइम पुलिस ने लोगों को सचेत करते हुए कहा है कि सोशल मीडिया या अनजान एप पर निवेश करने से पहले पूरी तरह से जांच-पड़ताल करना बेहद जरूरी है। कई ठग गारंटीड मुनाफे का झांसा देकर लोगों की जमा पूंजी हड़प लेते हैं।

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