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वाराणसी: दालमंडी में सड़क चौड़ीकरण के विरोध पर दो युवकों सहित 30 अज्ञात पर FIR

वाराणसी: दालमंडी में सड़क चौड़ीकरण के विरोध पर दो युवकों सहित 30 अज्ञात पर FIR

वाराणसी की दालमंडी में सड़क चौड़ीकरण के विरोध पर दो नामजद व 30 अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है।

वाराणसी की दालमंडी क्षेत्र में सड़क चौड़ीकरण और भवन ध्वस्तीकरण के विरोध के बाद प्रशासन ने सख्त कदम उठाए हैं। बुधवार को महिलाओं और पुरुषों द्वारा की गई रोक टोक और नोकझोंक के बाद दो युवकों सहित करीब तीस अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। यह कार्रवाई उस समय शुरू हुई जब वाराणसी विकास प्राधिकरण की टीम सड़क चौड़ीकरण के लिए ध्वस्तीकरण प्रक्रिया को आगे बढ़ा रही थी और स्थानीय लोगों ने मौके पर विरोध दर्ज कराया।

जोनल अधिकारी जोन 3 सौरभ देव प्रजापति ने चौक थाने में एफआईआर दर्ज कराई है। एफआईआर के अनुसार लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता और कर्मचारी मौके पर मौजूद थे, तभी महिलाएं और युवक विरोध में आ गए और बहस शुरू हो गई। माहौल तनावपूर्ण होते ही पुलिस को अतिरिक्त फोर्स बुलानी पड़ी और व्यवस्था संभालनी पड़ी। वी डी ए ने बताया कि काजीपुरा कला निवासी मो सालिम और इमरान उर्फ बब्बू समेत कुछ महिलाओं ने सरकारी कार्य को बाधित करने की कोशिश की। मामले में यह भी सामने आया है कि जिस भवन पर कार्रवाई की जा रही थी, उस पर 6 मार्च 1984 को नोटिस जारी किया गया था लेकिन तब से अब तक भवन स्वामी ने कोई शमन मानचित्र जमा नहीं किया।

दालमंडी में आज भी ध्वस्तीकरण कार्य जारी रहेगा। नगर निगम और पीडब्ल्यूडी की टीम पुलिस फोर्स के साथ आठवें भवन को गिराने पहुंच रही है। अब तक पांच भवनों की छत, खिडकियां और कुछ दीवारें हटाई जा चुकी हैं। गुरुवार सुबह अधिकारी और बलडोजर के पहुंचते ही क्षेत्र में कारोबारी इकट्ठा होने लगे। नई सड़क के व्यापारी भी मौके पर पहुंचे लेकिन खुलकर विरोध नहीं हुआ। अधिकारियों के अनुसार अधिकांश दुकानों का सामान पहले ही बाहर निकाल लिया गया था जिससे कार्य में बाधा कम आई।

बीते सप्ताह सपा सांसद वीरेंद्र सिंह ने दालमंडी के व्यापारियों से मुलाकात कर अधिक मुआवजा देने और दुकानों को न गिराए जाने की मांग उठाई थी। इसके बावजूद प्रशासनिक कार्रवाई योजना के अनुसार आगे बढ़ रही है। नगर निगम ने कुल 187 भवनों को ध्वस्तीकरण के लिए चिह्नित किया है। इनके मालिकों को लगभग 191 करोड़ रुपए मुआवजा दिया जाना प्रस्तावित है। इनमें से 14 दुकानदार पहले ही मुआवजा लेकर ध्वस्तीकरण की मंजूरी लिखित में दे चुके हैं और इन्हीं पर सबसे पहले कार्रवाई की जा रही है। अभी तक केवल दो भवन पूरी तरह गिराए गए थे लेकिन अब कार्रवाई की गति तेज कर दी गई है।

दालमंडी का इतिहास भी चर्चा में है। अंग्रेजी शासनकाल में इसे डॉलमंडी कहा जाता था। प्रसिद्ध अभिनेत्री नरगिस की मां और अभिनेता संजय दत्त की नानी जद्दनबाई का इस इलाके से गहरा संबंध रहा है। बनारस घराने के मशहूर तबला वादक लच्छू महाराज का भी दालमंडी से खास नाता रहा है। स्थानीय अधिवक्ताओं का कहना है कि जब 31 मार्च को दालमंडी चौड़ीकरण के लिए शासन का आदेश आया, तब अधिकारियों ने न तो व्यापारियों से चर्चा की और न ही क्षेत्र के निवासियों से राय ली।

राज्य सरकार दालमंडी को एक मॉडल सड़क के रूप में विकसित कर रही है। पीएम मोदी ने इसी वर्ष अगस्त में इस परियोजना का शिलान्यास किया था। इसके लिए 215 दशमलव 88 करोड़ रुपए स्वीकृत किए गए हैं। यह क्षेत्र काशी विश्वनाथ मंदिर से लगभग 100 मीटर की दूरी पर है और गेट 4 के सामने स्थित है। परियोजना के ले आउट के अनुसार दालमंडी शहर की सबसे आकर्षक और आधुनिक सड़कों में से एक बनेगी। सड़क के दोनों ओर हरियाली के लिए 3 दशमलव 2 मीटर चौड़ा फुटपाथ बनाया जाएगा जिससे यहां पैदल यातायात भी बेहतर हो सकेगा। प्रशासन का मानना है कि इस विकास कार्य के बाद दालमंडी की सड़क दिल्ली और बंगलुरु की आधुनिक सड़कों की याद दिलाएगी।

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