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वाराणसी: कर्ज से परेशान युवक ने ट्रेन के आगे कूदकर दी जान, परिवार में मातम

वाराणसी: कर्ज से परेशान युवक ने ट्रेन के आगे कूदकर दी जान, परिवार में मातम

वाराणसी में कर्ज से परेशान 28 वर्षीय ऑटो चालक राकेश गुप्ता ने पंचक्रोशी रेलवे क्रॉसिंग के पास ट्रेन के सामने कूदकर आत्महत्या कर ली।

वाराणसी: कर्ज के बोझ से परेशान एक युवक ने शनिवार तड़के अपनी जीवनलीला समाप्त कर ली। यह हृदय-विदारक घटना पंचक्रोशी रेलवे क्रॉसिंग के पास घटित हुई, जहां 28 वर्षीय राकेश गुप्ता ने ट्रेन के सामने कूदकर आत्महत्या कर ली। रेलवे ट्रैक के किनारे उसका ऑटो और मोबाइल स्विच ऑफ हालत में मिला। सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।

मूल रूप से वाराणसी के सलारपुर निवासी राकेश गुप्ता ऑटो चलाकर अपने परिवार का पालन-पोषण कर रहा था। मृतक के भाई पवन गुप्ता ने बताया कि राकेश ने दो साल पहले कर्ज लेकर ऑटो खरीदा था और वह लगातार किश्तें चुका रहा था। आर्थिक संकट और बढ़ते कर्ज से वह मानसिक रूप से काफी परेशान रहने लगा था। शुक्रवार रात उसकी पत्नी नेहा से हुई बातचीत में उसने चिंता जताई थी, लेकिन पत्नी ने उसे भरोसा दिलाया था कि दोनों मिलकर मेहनत करके कर्ज चुका देंगे।

थाना प्रभारी विवेक कुमार त्रिपाठी के अनुसार, राकेश शनिवार सुबह करीब 4:30 बजे अपने ऑटो से पंचक्रोशी रेलवे क्रॉसिंग पर पहुंचा। उसने अपना मोबाइल बंद कर वाहन में छोड़ दिया और रेलवे ट्रैक की ओर चला गया। उसी समय वाराणसी सिटी से सारनाथ की ओर जा रही एक मालगाड़ी वहां से गुजर रही थी, जिसके सामने कूदकर राकेश ने जान दे दी। घटना की जानकारी ट्रेन चालक ने सारनाथ स्टेशन पहुंचकर दी, जिसके बाद स्थानीय पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया गया।

राकेश की शादी तीन साल पहले नेहा से हुई थी। घर में दो भाई और एक बहन है, जिनमें राकेश सबसे बड़ा था। परिवार के अनुसार, उनकी बहन खुशबू की शादी आगामी फरवरी में तय थी और राकेश इसको लेकर भी आर्थिक दबाव महसूस कर रहा था। शादी के लिए आवश्यक धन की व्यवस्था न हो पाने के कारण वह और अधिक तनाव में रहने लगा था।

परिजनों का कहना है कि वह अक्सर अपनी जिम्मेदारियों को लेकर चिंतित रहता था और घर की स्थिति सुधारने के लिए दिन-रात मेहनत करता था। अब उसकी असमय मौत से पूरा परिवार टूट गया है और बहन की शादी से लेकर घर की रोजमर्रा की जरूरतों तक को लेकर गहरी चिंता में है।

पुलिस ने फिलहाल मामले में कोई आपराधिक संदेह नहीं पाया है और इसे आत्महत्या का मामला मानते हुए जांच पूरी कर ली है। राकेश की असमय मृत्यु ने क्षेत्र में शोक की लहर फैला दी है, वहीं यह घटना उन युवाओं की पीड़ा को उजागर करती है जो कर्ज के जाल में फंसकर अकेलेपन और मानसिक दबाव का शिकार हो जाते हैं।

इस दर्दनाक घटना ने यह सवाल भी खड़ा कर दिया है कि आखिर कब समाज और व्यवस्था ऐसे लोगों के लिए समय रहते सहयोग और मानसिक सहायता की व्यवस्था सुनिश्चित करेगी, ताकि किसी और राकेश को ऐसा कदम न उठाना पड़े।

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