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प्रतापगढ़: रजिस्ट्री कार्यालय में दिनदहाड़े फायरिंग, दो सगे भाई घायल, मची अफरा-तफरी

प्रतापगढ़: रजिस्ट्री कार्यालय में दिनदहाड़े फायरिंग, दो सगे भाई घायल, मची अफरा-तफरी

उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले में पट्टी रजिस्ट्री कार्यालय के भीतर दिनदहाड़े हुई फायरिंग में भूमि बैनामा कराने आए दो सगे भाई गंभीर रूप से घायल हो गए, घटना से क्षेत्र में दहशत फैल गई।

प्रतापगढ़: पट्टी तहसील स्थित रजिस्ट्री कार्यालय में सोमवार को उस समय हड़कंप मच गया, जब दिनदहाड़े गोलीबारी की एक सनसनीखेज घटना ने पूरे परिसर को दहला दिया। रजिस्ट्री कराने आए सगे भाइयों अरुण मिश्रा और आदित्य मिश्रा को दबंगों ने निशाना बनाकर अंधाधुंध फायरिंग की, जिससे दोनों गंभीर रूप से घायल हो गए। एक के कमर में और दूसरे के पैर में गोली लगने की पुष्टि हुई है। इस हमले में एक राहगीर के भी घायल होने की सूचना है, जो गोली के छर्रे से जख्मी हुआ।

घटना उस वक्त हुई जब सुल्तानपुर जिले के चांदा थाना क्षेत्र स्थित बैती गांव निवासी अरुण मिश्रा और आदित्य मिश्रा, पट्टी तहसील क्षेत्र के अकारीपुर गांव निवासी बृजेश तिवारी के साथ मिलकर जगन्नाथ विश्वकर्मा से भूमि का बैनामा कराने रजिस्ट्री कार्यालय पहुंचे थे। जैसे ही दस्तावेजी प्रक्रिया शुरू हुई, उसी दौरान अचानक कुछ हमलावर रजिस्ट्री परिसर में घुस आए और बिना कुछ कहे फायरिंग शुरू कर दी। गोली लगते ही दोनों भाई लहूलुहान होकर जमीन पर गिर पड़े। चीख-पुकार मच गई और रजिस्ट्री कार्यालय में मौजूद लोग जान बचाने के लिए इधर-उधर भागने लगे। इस भगदड़ में कई लोग गिर पड़े और एक राहगीर भी गोली के छर्रे से घायल हो गया।

गोली चलने की सूचना मिलते ही तहसील और आस-पास के क्षेत्र में अफरातफरी मच गई। रजिस्ट्री कार्यालय के बाहर भीड़ जुट गई और प्रत्यक्षदर्शियों में डर का माहौल बन गया। देखते ही देखते घटना की खबर आग की तरह फैली और पुलिस प्रशासन में खलबली मच गई। पट्टी कोतवाली से लेकर आस-पास के कई थानों की पुलिस फोर्स तत्काल मौके पर पहुंची। क्षेत्राधिकारी और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी घटनास्थल पर पहुंचे और हालात को संभालने की कोशिश की।

घायल अरुण मिश्रा और आदित्य मिश्रा को प्राथमिक उपचार के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) पट्टी में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टरों ने उनकी स्थिति को गंभीर बताया। प्राथमिक इलाज के बाद उन्हें जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया। वहीं, राहगीर को भी प्राथमिक इलाज दिया गया है।

फायरिंग की पूरी घटना परिसर में लगे सीसीटीवी कैमरों में कैद हो गई है, जिसे पुलिस ने कब्जे में ले लिया है। शुरुआती जांच में हमले के पीछे पुरानी रंजिश या भूमि विवाद की आशंका जताई जा रही है। बताया जा रहा है कि पीड़ितों ने पूर्व में खुद पर संभावित हमले की आशंका जताई थी और पुलिस से सुरक्षा की मांग भी की थी, लेकिन समय पर कोई सुरक्षा नहीं मिली।

इस घटना के बाद पूरे तहसील क्षेत्र में भय और तनाव का माहौल है। रजिस्ट्री कार्यालय और उसके आसपास सुरक्षा बढ़ा दी गई है। पुलिस ने मौके पर मौजूद लोगों से पूछताछ शुरू कर दी है और फॉरेंसिक टीम को भी बुलाया गया है।

पुलिस अधीक्षक प्रतापगढ़ ने कहा कि घटना अत्यंत गंभीर है, और हमलावरों की पहचान कर उनकी गिरफ्तारी के लिए टीमें गठित कर दी गई हैं। उन्होंने आश्वासन दिया कि दोषियों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा, चाहे उनका सामाजिक या राजनीतिक प्रभाव कुछ भी हो।

पट्टी रजिस्ट्री कार्यालय जैसे संवेदनशील और सार्वजनिक स्थल पर दिनदहाड़े गोलीबारी ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या आम नागरिकों की सुरक्षा के लिए पुलिस-प्रशासन पर्याप्त मुस्तैद है। पीड़ित परिवारों और आम जनमानस की निगाहें अब पुलिस और प्रशासन की कार्रवाई पर टिकी हैं।

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Category: crime uttar pradesh

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