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हज कमेटी का ऐतिहासिक कदम, 500 महिलाएं शौहर के बिना कर सकेंगी हज यात्रा

हज कमेटी का ऐतिहासिक कदम, 500 महिलाएं शौहर के बिना कर सकेंगी हज यात्रा

हज कमेटी ऑफ इंडिया ने महिलाओं के लिए ऐतिहासिक निर्णय लिया, अब वे बिना शौहर हज यात्रा कर सकेंगी, 500 सीटें घोषित, 31 अक्टूबर तक करें आवेदन।

हज कमेटी ऑफ इंडिया ने इस वर्ष महिलाओं के लिए एक बड़ा और ऐतिहासिक कदम उठाया है। अब मुस्लिम महिलाएं बिना अपने शौहर (पति) के भी हज यात्रा पर जा सकेंगी। इसके लिए कमेटी ने 500 विशेष सीटें घोषित की हैं। आवेदन प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और इच्छुक महिलाएं 31 अक्टूबर तक आवेदन कर सकती हैं। इस फैसले को मुस्लिम समुदाय की महिलाओं के लिए एक महत्वपूर्ण सामाजिक बदलाव माना जा रहा है, जिससे उन्हें धार्मिक यात्रा में अधिक स्वतंत्रता और समान अवसर मिलेंगे।

उत्तर प्रदेश हज कमेटी के कोऑर्डिनेटर और वाराणसी के हाजी अरमान अहमद ने बताया कि हज कमेटी ऑफ इंडिया ने इस वर्ष महिलाओं को बिना शौहर के हज पर जाने की अनुमति दी है। उन्होंने कहा कि इस फैसले का उद्देश्य उन महिलाओं को अवसर देना है जो किसी कारणवश अपने पति के साथ हज यात्रा नहीं कर पा रही थीं। देशभर से महिलाएं इन 500 सीटों के लिए आवेदन कर सकेंगी। वाराणसी सहित कई जिलों से महिलाओं ने आवेदन प्रक्रिया और आवश्यक शर्तों के बारे में जानकारी ली है।

ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया शुरू

हाजी अरमान अहमद ने बताया कि आवेदन केवल ऑनलाइन माध्यम से ही किए जा सकेंगे। महिलाएं हज कमेटी ऑफ इंडिया की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर आवेदन कर सकती हैं। आवेदन के लिए उनके पासपोर्ट की वैधता 31 दिसंबर 2025 तक होना आवश्यक है। यदि 500 से अधिक आवेदन प्राप्त होते हैं, तो चयन लॉटरी प्रणाली के माध्यम से किया जाएगा। चयनित महिलाओं को आवेदन स्वीकृत होने के बाद हज यात्रा की निर्धारित राशि जमा करनी होगी।

इन शर्तों पर मिल सकेगी अनुमति

हाजी अरमान ने बताया कि इस विशेष श्रेणी में केवल वही महिलाएं आवेदन कर सकेंगी जिनके पति का पासपोर्ट किसी कारणवश नहीं बन पाया हो या समय पर उपलब्ध न हो सका हो। इसके अलावा वे महिलाएं भी पात्र होंगी जिनके पति का पासपोर्ट किसी कानूनी या तकनीकी कारण से अवैध या निरस्त घोषित किया गया हो। साथ ही यह भी आवश्यक है कि महिला ने पहले कभी हज कमेटी ऑफ इंडिया या किसी निजी टूर ऑपरेटर के माध्यम से हज यात्रा न की हो।

कमेटी का मानना है कि इस पहल से अधिक महिलाओं को धार्मिक अवसरों में भाग लेने का मौका मिलेगा। कई मुस्लिम महिलाओं ने इस निर्णय का स्वागत किया है और कहा है कि यह न केवल धार्मिक दृष्टि से बल्कि सामाजिक रूप से भी एक बड़ा कदम है। इससे यह संदेश जाता है कि महिलाएं अपनी आस्था की यात्रा स्वयं तय कर सकती हैं।

हाजी अरमान अहमद ने कहा कि यह अवसर सीमित है, इसलिए इच्छुक महिलाओं को समय पर आवेदन करने की सलाह दी गई है। उन्होंने बताया कि आवेदन से जुड़ी जानकारी और आवश्यक दस्तावेजों की सूची हज कमेटी ऑफ इंडिया की वेबसाइट पर उपलब्ध है।

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